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5 वीं कक्षा का छात्र मैं ,बहुत घबराया हुआ हूँ, बेड़ा गर्क हो बल्लू का, अरे बल्लू मेरा दोस्त, बलकरण, साला खुद तो कुछ न आने का बहाना कर के कन्नी काट गया, चलो खुद को बचाया सो बचाया पर मेरा नाम क्यों लिखवाया ? जीवन सर से बोला, 'सर सर अरुण को शर्म आती है, पर वो खुद गाना चाहता है'।
चलो ठीक है, गाना गाने का मन होता है पर डर भी तो लगता है स्टेज से, इतनी सारे लोगों के सामने गाना तो छोडो सीधा भी खड़ा रह सकूँगा ये भी पक्का नहीं हैं। मैं तो उस घड़ी को कोस रहा हूँ जब इस मनहूस बल्लू के बच्चे को जोश जोश में गाना सुना दिया। कमबख्त तारीफ कर रहा था तब तो अच्छा लग रहा था, पर ये तारीफ ये सब रंग दिखाने वाली है ,पता न था।
स्वतन्त्रता दिवस है, सब बच्चे खुश हैं मुझे छोड़कर, यूँ दुःख जैसा तो मुझे भी कुछ नहीं पर आज स्टेज से मेरा नाम बोला जाएगा तो कैसे रियेक्ट करूँगा, अँगूर के सामने तरबूज जितना बड़ा सवाल था। सब बच्चे स्कूल ड्रेस में हैं सफेद शर्ट-ग्रे कलर की पेंट, लड़कियां सफेद सलवार कमीज पहने हैं, कौन किस स्कूल का पढ़ेसरी है आज पहचानना मुश्किल नही, ये 'मालवीय पब्लिक स्कूल' की ड्रेस है सब जानते हैं, मैंने भी ड्रेस पहनी हैं पर पेंट की जगह हाफ पेंट पहनी है, पापा से बोला था फुल पेंट दिलवाने को पर पापा बोले अगले साल दिलवाएंगे, पता नही ये अगला साल कब आता है 😊, खुश ही हूँ मैं भी पर बल्लू के बच्चे तुझे मैं छोड़ूंगा नहीं।
जब सुबह 6:30 पर आने को बोला था सर ने तो लगा था इतनी जल्दी कौन उठ पाएगा पर नींद तो 5 बजे ही खुल गई 6 बजे स्कूल में आ गया, देखा तो मुझसे भी ज्यादा जल्दी बहुतों को थी, बहुत सारे बच्चे आए हुए थे, घनश्याम सर कितने अच्छे हैं न, कभी नही मारते, आज तो गुलाब का फूल भी दिया मुझे 😊। राजीव सर स्टेज लगवा रहे हैं, मन किया उनको बोलूँ कि सर आप मेरा नाम काट दो, पर क्या करूँ डर लगता है सर से कुछ भी कहने से। इस बार साउंड सिस्टम लगा है माइक में बोला जा रहा है, 'हेल्लो हेल्लो माइक चैक, हेल्लो वन टू थ्री', तो क्या मुझे भी इसी में बोलना पड़ेगा, यार मैं कौनसा लता मंगेशकर हूँ, आज बेज्जती होने वाली है पक्का, बल्लू तेरा बेडा गर्क हो।
अतिथि बैठ चुके हैं, आठवीं की लड़कियाँ जन गण मन बोल रही, सब सीधे खड़े हैं मैं भी,पता नही क्यूँ पर खड़ा हूँ सीधा। बस घबराहट बढ़ रही है पल पल । ओह ये क्या? सर तो रवि स्टूडियो वाले को भी लाए हैं, मतलब आज इज्जत की नीलामी की खबर सिर्फ स्कूल तक नहीं उसकी दीवारों से बाहर तक जाएगी। बल्लू तेरा बेड़ा गर्क, तू तो मर ही जा कुत्ते।
अतिथियों का स्वागत हो रहा है, 'आप आए यहाँ किया है करम, स्वागतम् स्वागतम्, स्वागतम् स्वागतम्।' तालियाँ बज रही है, जब मैं जाऊंगा तो क्या होगा, तालियाँ बजेंगी ? नहीं सब चिढ़ाएंगे 😢, मेरा क्या होगा भगवान ? कहाँ फस गया मैं। अच्छा अगर मैं नाम बुलाने पर भी न जाऊँ तो ? नही नही राजीव सर बहुत मारते हैं, यहीं सबके सामने पीटेंगे, बेज्जती तब भी हो जाएगी, दर्द होगा सो अलग।
"और अब एक छोटा सा बच्चा, अपनी प्यारी सी आवाज़ में आपको एक गीत सुनाने आ रहा है, तालियों से स्वागत कीजिए, कक्षा 5 से 'अरुण' का"
ओह तेरी दिल धकधक कर रहा था पहले, लगा धक्क् से वहीं बैठ गया, चुपचाप खड़ा हो गया, डर से चेहरा पीला पड़ रहा था, रौशनी मैम, हमारी क्लास टीचर, बहुत अच्छी हैं साईन्स पढ़ाती हैं, बहुत प्यार करती हैं सबसे, हाँ हाँ सबसे तो मुझसे भी, हमारी पंक्ति के पास खड़ी थी मेरे सर पर प्यार से हाथ फेरा, मन किया वहीं लिपट जाऊँ कहूँ मैम, मुझे नही गाना, मैम ने हाथ पकड़ा और स्टेज तक ले गई। स्टेज पर देखा सैंकड़ो जोड़ी आँखे सिर्फ मुझे देख रही थी, कई चेहरे मुस्कुरा रहे थे, सब मुझ पर हँस रहे हैं, बल्लू तेरा बेड़ा गर्क, तेरा खून मेरे ही हाथों से होगा कुत्ते। आँखे बंद कर ली, सब जोर से हँसने लगे, मैंने आँखे बंद किये किये ही शुरू किया।
'नन्हा मुन्ना राही हूँ देश का सिपाही हूँ,
बोलो मेरे संग, जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द,
जय हिन्द जय हिन्द।।'
सब आवाज़ें बंद हो गई, जैसे म्यूट कर दिया हो रिमोट से, अचानक कन्धे पर हाथ रखा किसी ने, देखा घनश्याम सर थे अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ, बोले आँखें बंद मत करो, बहुत बहुत अच्छा गाते हो तुम, इन सब से अच्छा, आँखों में आँखें डाल के गाओ।
डरते डरते फिर से शुरू कर दिया, इस बार आँखें खुली थी, पर सर के शब्द कानों में गूंज रहे थे।
'नया है जमाना मेरी नई है डगर,
देश को बनाऊंगा मशीनों का नगर,
मंजिल से पहले न लूंगा कभी दम,
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम,
दाहिने बाएं दाहिने बाएं धम्म।'
सबके चेहरे 'धम्मम' बोलते ही खिल उठे, मैं गाए जा रहा था,
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द
जय हिन्द जय हिन्द।।
घनश्याम सर ने उठा लिया गोद में, बहुत प्यार किया, अतिथि जी ने 100/- दिए, बहुत खुश था मैं,
'ओये सुन बल्लू, आई लव यू बे'
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'70 वें स्वतंत्रता दिवस ते आए सारे सज्जना नूं शाला परिवार तख्तहज़ारा वलो लख लख वधाइयां'
जसमेल सर मंच संचालन कर रहे हैं, स्टेज के सामने स्कूल के वर्तमान और भूतपूर्व छात्र बैठे हैं, हर बार मैं करता हूँ मंच संचालन पर आज नहीं, मैं ही क्यूँ करूँ आखिर मुझमे भी कितना ईगो है सबको पता तो चले।
पर मंच पर जाने का कीड़ा काट रहा है उसका क्या करूँ, बख्तावर सिंह सरपंच ने झंडारोहण किया, वही जन गण मन, वही स्वागत और वही झंडा गीत। सब न जाने क्यूँ खुश हो रहे हैं बेवजह। कुलदीप जी को भी यही लगता है फालतू का टँटा है बस, हुंह।
10 वीं की लड़की सरस्वती ने 'वंदे मातरम्' गाया। क्या खूब गाया है जी, कुलदीप जी और मैं दोनों उसी की तारीफों के पुल बांध रहे हैं, चारो और तालियाँ बज रही हैं, पीछे से कुछ सीटियों की आवाज़ें, हिकारत भरी नजरों से पीछे देख कुलदीप जी बोले ये गाँव वाले बस......., आप समझ जाओ क्यूँ आते हैं।
प्रिंस, अच्छा नाचता है, बिल्कुल प्रोफेशनलस् की तरह, पर इसे अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए, एक बार तो लटक चुका दूसरी बार ब्रेक न लग जाए बेचारे के।
एक के बाद एक डांस, आए ही जा रहे, कितना लम्बा प्रोग्राम है न, कुलदीप जी कह रहे। मैं स्टेज पर जसमेल जी की लिस्ट देख के आता हूँ।
अरे बाप रे, इतने सारे, इन सबमे तो अभी 2 घण्टे और लगेंगे। बहुत गर्मी है हवा भी नही चल रही, उमस हो रही, सब पसीने से तरबतर बैठे हैं, मेरे हाथो में लिस्ट थमा जसमेल जी नीचे टहल रहे हैं, दानदाताओं का नाम और आभार प्रकट कर रहा हूँ,
पंजाबी गिद्दा, छोटी छोटी बच्चियाँ कितनी क्यूट लगती है न नाचते हुए, पंजाबी भाषी गाँव के लोग चहक रहे हैं,
गतका पार्टी, अच्छा मार्शल आर्ट दिखाते हैं, स्टेज पर जगह थोड़ी कम है, वरना और अच्छा हो जाता।
7 वीं का सिद्धार्थ, पढ़ता नहीं बिल्कुल भी, पर नाच तो देखो, छोटी सी डांस मशीन है ये।
पिछले साल के टॉपर्स को इनाम वितरण हो गया।
यार ये जसमेल जी किधर गए, मोबाइल में स्क्रोल किया, एक गीत तो मैं भी गाऊंगा अब, किसी से नही पूछा, सीधे गाना शुरू
'भारत हमारी माँ है, माता का रूप प्यारा,
करना इसी की रक्षा, कर्त्तव्य है हमारा।'
सब मुझे आश्चर्य पर मुस्कुराते से देख रहे हैं, ये आज अरुण सर को क्या हुआ।
रामस्वरूप सर ने 100/- प्रोत्साहन राशि दी, जसमेल सर ने अनाउंस किया,
मिष्टान्न वितरित हुआ, सब ख़ुशी ख़ुशी घर जा रहे हैं।
चौथी क्लास के 2 बच्चे गाते जा रहे हैं, जय हिन्द जय हिन्द की सेना, मुझे मुस्कुरा कर देखते हैं,
"बल्लू, पता नही तू कहाँ है, पर वाकई आई लव यू बे"
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©अरुणिम यादें
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