स्कूल ऑफिस में हंगामे का माहौल है, 9 वीं कक्षा का एक छात्र और एक छात्रा,दोनों की उम्र लगभग 15-16 वर्ष) को कक्षा में अश्लील हरक़तें करते पकड़ा गया था। कक्षा के विद्यार्थी खुद उनकी शिकायत ले कर आए थे इसलिए संदेह के लिए कोई स्थान नहीं। लड़के को पहले भी 'सुधर जाने की' कई चेतावनियाँ दी जा चुकी है इसलिए विद्यालय हित में उसकी टी सी काटना ही बेस्ट ऑप्शन है, सबका यही मत है। लड़के के मामा आए हैं अंतिम प्रयास करने, शायद लड़का कुछ पढ़ जाए। पर लड़के की आँखों में से शर्म गायब है और अब स्टाफ की आँखों में दया नज़र नहीं आती। टी सी ऑनलाइन कटेगी, मुझसे कहा गया तो शुभ कार्य में देर करना उचित न समझा। लड़का और उसके मामा चले गए , शर्मिंदगी से लड़की ने स्कूल आना बंद कर दिया, येप्पी .....लम्बी अनुपस्थिति का बहाना मिल गया, उसका भी नाम कट गया। स्कूल अब पाप मुक्त हो रहा है भई!
***
कक्षा 8 का एक लड़का, उम्र 14-15 वर्ष , पढ़ाई में डब्बा, जब भी क्लास होती तो हमेशा चुपचाप रहने वाला, आज अपराधी की तरह हाथ बांधे खड़ा था। एक और छात्र उसकी शिकायत जो लाया था, बोला सर इसने पूरी क्लास के सामने मुझे उल्टा पटक लिया......और......सर ये बहुत बुरा है।
सच में बहुत गुस्सा आया, कस के 4-5 तमाचे लगाए उसके और कहा अभी निकलो यहाँ से, और अपने पापा को बोलो की आकर टी सी लेकर जाएं, उन्हें लिए बिना वापस मत आना। लड़का खिसिया हुआ, बोला बैग ले जाउँ, मैंने कहा नहीं।
थोड़ी देर तक स्कूल के गेट के पास खड़ा रह कर लड़का वापस आया बोला, 'म्हारे घर कोई कोनी' (हमारे घर पर कोई नहीं है)
मैंने उसी गुस्से के साथ उसे कहा, 'कोई बात नहीं जब आ जाए तब आना पर अकेले मत आना। अब निकल।'
'बैग ले जाऊँ जी ?'
'ले जा, दफा हो।'
और वो दफा हो गया सच में, वापस नहीं लौटा। न उसके घर से कोई आया न वो खुद। आर टी ई में भी 45 दिन की अनुपस्थिति के बाद नाम काट सकते है, ड्रॉप आउट हुआ न ? कोई बात नहीं। कचरा निकला अच्छा है न। स्कूल को पाप का अड्डा नहीं बनने देना है।
***
आज ऑफिस में कुलदीप सर क्लास ले रहे है, कक्षा 7 के 2 छात्र धर्मपाल और राकेश,दोनों की उम्र लगभग 10-11 वर्ष, पकड़े गए थे। स्कूल के गेट के पास जो सरदार जी की छोटी सी गोली-टॉफ़ी वाली दुकान है वहाँ से ये लोग टॉफ़ी का मर्तबान चुरा लाए थे। पहले खूब पिटाई की गई, फिर पुलिसिया पूछताछ हुई धर्मपाल गेंहू के साथ पीसने वाली घुन्न निकला, वो बस चुराई हुई टॉफ़ी खाने वालों में था, राकेश मुख्य अपराधी के रूप में उभर कर सामने आया। पूरी प्लानिंग और योजना को कार्यरूप में रूपांतरित करने में उसी की मेहनत थी। धर्मपाल को पहली गलती पर माफ़ कर दिया, पर राकेश को घर भिजवाया गया, अरे भई पाप मुक्ति अभियान चालू आहे!
विनोद जी बता रहे, यार ये लड़का क्रिमिनल माइंड है, पिछले साल इस अकेले ने पूरी क्लास के बच्चों की किताबें फाड़ डाली थी। और यही है जिसने भंडारी का सर स्लेट मार के फोड़ दिया था, कल ये 6 कक्षा की लड़की **** के बारे में बात कर रहे थे, ये कम्बख्त खुद उसके चक्कर में हैं, और कह रहे थे इसका इसके उसके साथ चक्कर और पता नहीं क्या क्या.........
***
आज स्कूल से आते वक्त 'उस लड़की' को अपने घर की बड़ी महिलाओं के साथ कपास चुगने जाते देखा। निम्न आय वर्ग के परिवारों की महिलाएँ यहाँ कपास चुगने जाया ही करती है पर....ये बेचारी !!!? सोचा एक हरकत और सब गड़बड़ कर लिया न, बिना बाप की बच्ची मुझे तुमसे सहानुभूति थी पर.......। मन भर आया पर खैर! बाइक आगे बढा दी, रेलवे क्रॉसिंग पर उस लड़के को भी देखा जो अपने पिता को स्कूल नहीं ला पाया , एक लड़के के साथ उसकी बाइक पर पीछे बैठा था, ये तो शहर का छंटा हुआ बदमाश है इसके साथ ? पहले ही बिगड़ा हुआ है, अब तो सुधरने की गुंजाईश ही न रहेगी। 😢😢😢
आज राकेश भी अपनी दादी को स्कूल ले कर आया है, नाम जो कटने वाला है, डर सबको लगता है गला सबका सूखता है। उसकी दादी की और देखा , लगभग 75-80 वर्ष की बूढ़ी औरत जिसने लम्म्म्बा सा घूँघट निकाल रखा था। उसके कुछ भी कहने से पहले मैंने बोलना शुरू कर दिया, ये ये है वो है ये करता है वो करता है पढ़ाई में जीरो है होमवर्क नही करता कभी भी, और तो और चोरी की एंड कुछ बातें तो बताते हुए भी शर्म आती है, क्या कहें बोल भी नही सकते वगैरह वगैरह। आप इसकी टी सी ले जाओ बस। मैंने ढिठाई से कह दिया।
बेचारी वृद्धा धम्म से नीचे बैठ गई, बोली बेटा क्या करूँ इस उम्र में काम करती हूँ लोगो के घर पर, बाप मर गया इसका , माँ इसे मेरे पास छोड़ कर किसी और के साथ चली गई, अनपढ़ हूँ कुछ पढ़ा लिखा भी नही सकती संस्कार देने का वक़्त नही मिलता। और अब इस उम्र में मुझ बुढ़िया की कौन सुनता है ये भी नहीं सुनता हो सके तो तुम सुन लो, इसे स्कूल से मत निकालना, मैं तुम्हारे पाँव....... कहकर वो मेरे पैरो की और झुकने को हुई। मैंने उनके हाथ पकड़ लिए, जाने क्यों और कैसे आँख से एक बूंद ढुलक कर उनके हाथ पर गिरी, बस इतना ही कह पाया कि माताजी आप जाओ, कोई टी सी नहीं काटेगा। हो सके तो इसका ध्यान रखिए, हम भी विशेष ध्यान देंगे। बूढी औरत चली गई, घण्टों तक मेरे भीतर कुछ कचोटता कुछ टूटता सा रहा। स्कूल पाप मुक्त हुआ या नहीं पर लग रहा था जैसे सबसे बड़ा पापी तो मैं ही हूँ। हे मेरे कृष्ण....😢😢😢😢😢
#जयश्रीकृष्ण
©अरुण
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कक्षा 8 का एक लड़का, उम्र 14-15 वर्ष , पढ़ाई में डब्बा, जब भी क्लास होती तो हमेशा चुपचाप रहने वाला, आज अपराधी की तरह हाथ बांधे खड़ा था। एक और छात्र उसकी शिकायत जो लाया था, बोला सर इसने पूरी क्लास के सामने मुझे उल्टा पटक लिया......और......सर ये बहुत बुरा है।
सच में बहुत गुस्सा आया, कस के 4-5 तमाचे लगाए उसके और कहा अभी निकलो यहाँ से, और अपने पापा को बोलो की आकर टी सी लेकर जाएं, उन्हें लिए बिना वापस मत आना। लड़का खिसिया हुआ, बोला बैग ले जाउँ, मैंने कहा नहीं।
थोड़ी देर तक स्कूल के गेट के पास खड़ा रह कर लड़का वापस आया बोला, 'म्हारे घर कोई कोनी' (हमारे घर पर कोई नहीं है)
मैंने उसी गुस्से के साथ उसे कहा, 'कोई बात नहीं जब आ जाए तब आना पर अकेले मत आना। अब निकल।'
'बैग ले जाऊँ जी ?'
'ले जा, दफा हो।'
और वो दफा हो गया सच में, वापस नहीं लौटा। न उसके घर से कोई आया न वो खुद। आर टी ई में भी 45 दिन की अनुपस्थिति के बाद नाम काट सकते है, ड्रॉप आउट हुआ न ? कोई बात नहीं। कचरा निकला अच्छा है न। स्कूल को पाप का अड्डा नहीं बनने देना है।
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आज ऑफिस में कुलदीप सर क्लास ले रहे है, कक्षा 7 के 2 छात्र धर्मपाल और राकेश,दोनों की उम्र लगभग 10-11 वर्ष, पकड़े गए थे। स्कूल के गेट के पास जो सरदार जी की छोटी सी गोली-टॉफ़ी वाली दुकान है वहाँ से ये लोग टॉफ़ी का मर्तबान चुरा लाए थे। पहले खूब पिटाई की गई, फिर पुलिसिया पूछताछ हुई धर्मपाल गेंहू के साथ पीसने वाली घुन्न निकला, वो बस चुराई हुई टॉफ़ी खाने वालों में था, राकेश मुख्य अपराधी के रूप में उभर कर सामने आया। पूरी प्लानिंग और योजना को कार्यरूप में रूपांतरित करने में उसी की मेहनत थी। धर्मपाल को पहली गलती पर माफ़ कर दिया, पर राकेश को घर भिजवाया गया, अरे भई पाप मुक्ति अभियान चालू आहे!
विनोद जी बता रहे, यार ये लड़का क्रिमिनल माइंड है, पिछले साल इस अकेले ने पूरी क्लास के बच्चों की किताबें फाड़ डाली थी। और यही है जिसने भंडारी का सर स्लेट मार के फोड़ दिया था, कल ये 6 कक्षा की लड़की **** के बारे में बात कर रहे थे, ये कम्बख्त खुद उसके चक्कर में हैं, और कह रहे थे इसका इसके उसके साथ चक्कर और पता नहीं क्या क्या.........
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आज स्कूल से आते वक्त 'उस लड़की' को अपने घर की बड़ी महिलाओं के साथ कपास चुगने जाते देखा। निम्न आय वर्ग के परिवारों की महिलाएँ यहाँ कपास चुगने जाया ही करती है पर....ये बेचारी !!!? सोचा एक हरकत और सब गड़बड़ कर लिया न, बिना बाप की बच्ची मुझे तुमसे सहानुभूति थी पर.......। मन भर आया पर खैर! बाइक आगे बढा दी, रेलवे क्रॉसिंग पर उस लड़के को भी देखा जो अपने पिता को स्कूल नहीं ला पाया , एक लड़के के साथ उसकी बाइक पर पीछे बैठा था, ये तो शहर का छंटा हुआ बदमाश है इसके साथ ? पहले ही बिगड़ा हुआ है, अब तो सुधरने की गुंजाईश ही न रहेगी। 😢😢😢
आज राकेश भी अपनी दादी को स्कूल ले कर आया है, नाम जो कटने वाला है, डर सबको लगता है गला सबका सूखता है। उसकी दादी की और देखा , लगभग 75-80 वर्ष की बूढ़ी औरत जिसने लम्म्म्बा सा घूँघट निकाल रखा था। उसके कुछ भी कहने से पहले मैंने बोलना शुरू कर दिया, ये ये है वो है ये करता है वो करता है पढ़ाई में जीरो है होमवर्क नही करता कभी भी, और तो और चोरी की एंड कुछ बातें तो बताते हुए भी शर्म आती है, क्या कहें बोल भी नही सकते वगैरह वगैरह। आप इसकी टी सी ले जाओ बस। मैंने ढिठाई से कह दिया।
बेचारी वृद्धा धम्म से नीचे बैठ गई, बोली बेटा क्या करूँ इस उम्र में काम करती हूँ लोगो के घर पर, बाप मर गया इसका , माँ इसे मेरे पास छोड़ कर किसी और के साथ चली गई, अनपढ़ हूँ कुछ पढ़ा लिखा भी नही सकती संस्कार देने का वक़्त नही मिलता। और अब इस उम्र में मुझ बुढ़िया की कौन सुनता है ये भी नहीं सुनता हो सके तो तुम सुन लो, इसे स्कूल से मत निकालना, मैं तुम्हारे पाँव....... कहकर वो मेरे पैरो की और झुकने को हुई। मैंने उनके हाथ पकड़ लिए, जाने क्यों और कैसे आँख से एक बूंद ढुलक कर उनके हाथ पर गिरी, बस इतना ही कह पाया कि माताजी आप जाओ, कोई टी सी नहीं काटेगा। हो सके तो इसका ध्यान रखिए, हम भी विशेष ध्यान देंगे। बूढी औरत चली गई, घण्टों तक मेरे भीतर कुछ कचोटता कुछ टूटता सा रहा। स्कूल पाप मुक्त हुआ या नहीं पर लग रहा था जैसे सबसे बड़ा पापी तो मैं ही हूँ। हे मेरे कृष्ण....😢😢😢😢😢
#जयश्रीकृष्ण
©अरुण
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