🏡🏡🏡🏡🏡 ओ शोना ओ शोना ♠♠♠♠♠

"अच्छा सुनो, गोरखपुर स्टेशन से उतरते ही सीधे टेम्पू कर लेना, बोलना चावला पकौड़े वाले के पास जाना है। अरे बोले तो फेमस है रे इदर ये चावला।  टेम्पू वाला तुमको एक तिराहे पे छोड़ेगा। ओहो तुम कन्फ्यूज मत हो रे शोना। मैं हूँ ना। सामने देखो सफेद घर दिखा न तुमको? वोई चावला का घर है। देखो अब शक्लें ना बनाओ, भूल गए चावला पकौड़े वाला ? अरे इसी का नाम ले के तो यहाँ आए हो, यही घर है , यकीन न हो तो कन्फर्म कर लो। बाहर पकौड़े जैसी नाक वाले जो अंकल बैठे हैं वही तो हैं चावला जी, खैर! तुम भी ना, खामखाँ कहाँ के कहाँ घुसे जा रहे। तुम सीधी गली पकड़ लो, हाँ हाँ फ़टाफ़ट, आगे तीन रोड़ क्रॉस करके बाजार दिखेगा। हाँ तो क्या खाली हाथ आओगे हमसे मिलने ? शर्म कल्लो बेटा जी, लड़की से मिलने जा रहे। देखो जेब ढीली करो और अच्छा सा गिफ्ट खरीद लेना हमाए लाने। हम तो कहते हैं कोई टेड्डी ही खरीद लो। अरे जब तक हमारे पास पहुंचोगे तब तक टाइम पास करने को तुम्हारे पास हमारा टेड्डी होगा न बतिया लेना हमारा नाम ले के।

देखो अभी से शुरू मत हो जाओ टेड्डी उठाओ और चलो महाशय जी। किधर ? अरे हाँ तो बता रहे न हम, सीधे ही चलना है, जब तक पार्क न आए, नाम पढो इसका, आँखें बड़ी मत करो नाम पढो हमारे साथ। 'केशव उद्यान' । वाह ! सही जा रहे बिल्कुल, बगल में देखो, दाहिने नहीं बायीं तरफ , हाँ घूम जाओ उसी ओर, 4था घर छोड़ के 5 वें घर के दरवाजे पर जाओ, भीतर नहीं जाने का रे, और हाँ अपना ये हाथ जेब में रखो खाना खाने के काम आएगा घँटी काहे बजाने की सोच रहे, टॉमी है घर में, और तुम तो हो ही टेस्टी हम नहीं चाहते कि कोई और तुम्हारा नाश्ता कर ले हमारे सिवा। 😍😍😍 हाय दैया हमको हमारी ही बात पर लाज आने लगी। ये शर्म भी कमाल की चीज़ है ना शोना? वैसे एक बात बताएं हम शर्माते हुए बहुत सुन्नर लगते हैं, मम्मी ने बोला था, जब हम शर्माए थे पिछली गर्मियों में , काहे शर्माए थे ? अरे तुम भी न ढक्कनों वाले सवाल पूछते हो बिल्कुल, कोई लड़की काहे शर्माएगी, कुछ लाज आने की बात हुई होगी न, अच्छा बता देते हैं बाबूलाल, वो क्या है न कि माँ बोली थी दीदी के साथ चीनू को भी निपटा देते हैं, हमको तो इतनी लाज आई कि हम तो वहीं गड़ने को हो गए। क्या? समझ नहीं आया ? अरे पागल निपटा देना माने सादी की बात हो रही थी पगलेट, अपनी सादी का सुनकर तो शर्माना बनता ही है, है कि नहीं?

अरे देखो तो जनाब को 😠😠, तुम अभी यहीं खड़े हो ?  टॉमी का वेट कर रहे ? किस्सी चाहिए उससे? पोपलादास ही रहोगे तुम। टेड्डी सम्भालो और दरवाजे के पास जो लड़का खेल रहा उसे प्यार से देखो,😍😍😍😍 इतना भी नहीं, ओवर लगोगे, गे टाइप्स, एंड आई डोंट लाइक गेज , यू नो ये लड़का बहुत  इस्मार्ट है लपक लेगा तुम्हारे इरादे,और वैसे भी इतने प्यार से बस हमको देखोगे तुम, हमको नहीं पसन्द किसी और को ऐसे देखोगे तो, बोल दिया बस।  हाँ बस थोड़ा सा प्यार से देखो, सिंपल वाला, और बोलो गुल्लू बेटा, अरे हाँ रे गुल्लू नाम है लड़के का, यार ये तुमको प्रॉब्लम क्या है? कोई कुछ भी नाम रखें उनके घर का मामला है न, देख रहें हैं नाक बहुत लंबी हो रही तुम्हारी हर जगह घुसी जा रही, अरे अपने काम से मतलब रखोगे फायदे में रहोगे, बता रहे। समझा तो रहे न कि सीधे प्यार से पूछ लो,गुल्लू बेटा हरिलाल के घर जाना है, गुल्लू खुद तुम्हे हरिलाल के घर छोड़कर आएगा तुम देखना, कितना अच्छा बच्चा है न गुल्लू। जब हमारा बेटा होगा सब उसके लिए भी यही बोलेंगे, कितना अच्छा बेटा है न किट्टू, हाँ तो क्या हुआ अगर ये मेरा भी नाम था बचपन में? तुम ऐसे निकालोगे मैंने सोचा भी न था, पुरुषवादी सोच हुँह, मन तो करता है तुम्हें यही से लौटा दूँ, बट शोना आई रियली लव, टेड्डीज, हीहीहीही अरे मजाक भी न करें अब तुमसे, तुमसे नहीं तो किससे करें बताओ? नहीं नहीं बता दो, देखो वो फेसबुकिया मठ्ठा #विवेक भी हमारा नाम छाती के बालों में छुपाए घूम रहा, ऑप्शन बहुत हैं बाबूलाल पर ये दिल हाँ ये दिल क्या करे इस दिल का, तुम पर आ गया हम क्या करें, आ गया तो आ गया, दिल आया गधे पर तो परा क्या चीज है?
एक बात बताएं, यार यू आर वेरी स्लो, नहीं समझे ? अमा , धीमे बहुत हो यार। कायदे से अब तक हरिलाल के घर पहुंच जाना चाहिए था तुमको, गुल्लू को देखो कैसे  छलाँगे मारता चलता है, तुम नहीं मार सकते ? कम ऑन टेड्डी का बहाना तो सुनाना ही मत, इत्ता भी कोई भारी नहीं होता ओके, बड़े आए, एक बात और जो कहना हो मुझे कह लो , कोई मेरे टेड्डीज को कुछ बोले ये मुझे बिल्कुल नहीं पसन्द , हुँह रहेगा उसके लिए, हरिलाल के घर पहुंच गए न ? न न ये मेरा घर नहीं है बुद्धू 😊, सामने स्कूल दिखा न तुमको? अरे आँखे अपनी ही हैं या उल्लू से उधार मांग के लाए हो भरी दुपहरिया में इत्ता बड़ा स्कूल ना दिखाई दे रहा तुमको 😠 ,अच्छा ध्यान से सुनो अब, वहाँ एक मास्टर जी पढ़ाते हैं #प्रदीप जी नाम है उनका, बहुत अच्छे हैं, मने की बहुत ही अच्छे हैं, अरे रे यूँ कि हम पढ़ चुके हैं उनसे इसलिए जानते हैं अच्छे से और इसलिए कह सकते हैं, यार सच्ची में बहुत अच्छे हैं, एक बार और कह लें ? बहुत ही अच्छे हैं मने हद से जियादा वाले अच्छे हैं, हीहीहीही अरे गुस्सा न करो चिढ़ा रहे तुमको पगलु, चिढोगे तभी तो क्यूट लगोगे, हमको मास्टर में कोई इंटरस्ट थोड़े न है। हमको नहीं है पर तुमको थोड़ा इंटरेस्ट लेना पड़ेगा प्रदीप में, अरे अब शक की नजर से ना देखो यार हमको। बोल दिए न कि कोई इंटरेस्ट नहीं है तो समझिए कि नहीं ही है। जाकर बोलो उनसे पूछो तिबारी जी को जानते हो, स्पेलिंग सही लिखे हैं हम , तिबारी ही है, तिवारी कह भी मत देना, प्रदीपवा मारेगा ज्यादा गिनेगा कम। अरे कुछ खास वजह नहीं है, तिवारी जी की बेटी के साइंस में 4 नम्मर काटे थे, अब तिवारी जी ठहरे विद्वान आदमी, पूछे कि क्यों काटे? किस बात के काटे?आएं बाएं करने लगे तो मार खा लिए मास्टर जी कायदे से तिवारी जी से। पता है तिवारी जी कूटते बहुत तसल्लीबख्श हैं, तो फिर जे तिबारी कौन है? अरे तुम्हरे काम का बन्दा है ही ओही, मास्टर जी बता देंगे कि किधर मिलेगा तिबारी, तुम लपक के पहुंचो झट से, थक तो नहीं गए न शोना?

ये जो टॉवर हैं न जियो का है , तिबारी इसके जेनरेटर में तेल डालने आता है, पता है हम आज ही रिचार्ज कराए हैं अपना जियो का नम्मर 499/- रूपीज से सन्दीपवा को उल्लू बना के, तुम डरो मत, उसका नम्मर ब्लॉक ही कर दिहिस, अच्छा तुम थोड़ा इंतज़ार करो, जब तिबारी आए तो उसको पटा के टॉवर पर चढ़ो, अरे हम पट गए तो तिबारी क्या चीज है, काहे? अरे बाबू, हम भी छत पर आते हैं, हाथ हिला देंगे तुम्हारी ओर। और बस तुम अब हमारे रांझणा की तरह दौड़ते चले आना, इंतज़ार नहीं होता हमसे, अच्छा सुनो तो वैसे सॉरी रहेगा हैं, एक बात कहना भूल गए हम, जियो रिचार्ज करवा लिया पर वीडियो कॉल नहीं करेंगे हम, शर्म लगती है हमको, बुआ बोली थी कि वो फूफाजी को सादी के बाद ही देखी रही, हम भी क़सम खा लिए हैं कि सादी के बाद ही तुमको देखेंगे फेस टू फेस, सुनो
उतर जाओ नीचे टावर से, इरादा बदल लिया हमनें, हम नहीं बता रहे अभी कि किधर रहते हैं, थोड़ा इंतजार का मज़ा लीजिए, अच्छा चलते हैं मम्मी बुला रही, तुम मिस करना हमको, ओके, लभ जु तो बोलो, अच्छा मत बोलो, नौटंकी कहीं के, हम बोल रहे, आई लभ जु, पूरा 45 किलो, अरे इत्ते ही ही हैं रे, समझो कि पूरा का पूरा तुम्हारे लभ से ही भरे हैं, बाय, अब पुच्ची वुच्ची नहीं देंगे यार, शलम लगती हैं न समझा करो, वो सब सादी के बाद 😜😍😍😍😜😉"

(किसी से एड्रेस मांगा था, ऐसे कौन एड्रेस देता है यार)
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#जयश्रीकृष्ण

©अरुण

Rajpurohit-arun.blogspot.com

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