👫👬💏💑👼👪 परेम काहणी ♠♠♠♠

'कईं नाउँ है रे थारो' सगळा छोरा ऊँ इंट्रोडक्शन करतां गुरजी नुएं आयोड़े छोरे न पूछ्यो।
'धनियों'
नाँव सुण क्लास मायंला टींगर दांत काडण लाग्या।
गुरजी बी मुळक्या अर बोल्या, ' धनियों ह जकी तो चोखी बात ह, सावळ रेई लाडी, अठ रा टींगर अळबादी घणा ह, कठे छमको लगवा ल्यलो'
टिंगरा री खिड़ खिड़ पाछी सुरु हुगी तो गुरजी झिड़क र पछ पडाण लागग्या।
धनियों रोई रो जिनावर हो, खेत म ढाणी हुंती ना लाइट ना बात, ढाणी सारे प्राइमरी स्कूल म पढ़तो पण अब सहर आवणो पड्यो, मन याद नई पड़े कद म्हार साग बेलिचारो घाल लिओ, घरां आवंतो लाइट ऊँ चालण आळी चीजां देख देख र राजी होंतो। टीवी कानी अणसेंदो ऊंट झांके ज्यूँ झाँकतो, टीवी म चालता फिरता मिनख देख 'ई डबिये म माया कियां' ओ बिचार करतो।
केया करह् संगती रो फळ जरूर मिले, धीरह् धीरह् धनियो आदमी बणन लाग गयो, अब तक ढाणी उ स्कूल साईकिलड़ी ठलड़तो आ ज्यावन्तो पण कॉलेज रो टेम आयो तो बारे जाणो पड्यो, बडे सहर पूग्या कमरो किराये लिओ हैंर म्हे सारा पडेसरि बणग्या जाणे लाई अब तो ए कलेक्टर बण्या बिन सार ई कोनी। होस्टल र कमरे र सामो साम एक बुटी पार्लर हो, फूठरी फूठरी लुगायां र काची छोरलड्यां और फूठरी हूण न बठे आंवती। होस्टल रा टिंगरा न तो थे जाणो किस्साक भलामानस हुव, दीनग आथण बारणै मायाँ खड्या लाधता। होस्टल वार्डन रोळा करतौ पण बांदर कोम सुधरया करे के, बेइ घोड़ा बेइ मदान।
धनियों बापड़ो सगळा उ न्यारो र सुधो हो, का तो पढ़तो का नींदा म घूक पड्यो रेंवतो। एक दिन होस्टल रा टींगर गेट सामी खड्या आँख्या ताती करा हा क ओ बीन बी बारे आयो, बनियान पेरयोड़ी र तोलीयो लपेटयाँ, टिंगरा झिड़कयो अर बेटी रा बाप, इयां के करह् , सावळ पूर पेर लिया कर लाडी। धनियों की कोनी बोल्यो, पाछो मा गयो र चोळो पजामो अड़ा र बारे आ गयो। टिंगरा सोच्यो कुण इन अकल देव घरुं खा र, बळण दयो नी। बी दिन बाद धनियो भी कदे कदे बारे खड्यो हो जांवतो।
एक दिन दोफारे मन केण लाग्यो 'यार एक बात केउँ किनी केइ ना।'
म किओ, 'बोल भाई'
बोल्यो,'सामले बुटी पार्लर आळा र छोरी है'
'जको, थारो कईं खाव'
'अर खाव तो कीं कोनी, पर मन बा चोखी घणी लाग'
'भाया थारो राम निकळग्यो के? राफा तो दो बिगा म पड़ी ह बीरी, और कोई लादी कोनी तन, भाया पढ़ले सावळ रेसी, घर आळा न ठा पड़ गयो नी, तो चोखो लागणो हो जासी भेळो, अर जूत पड़सी जका न्यारा।'
'के यार, तू तो क्यांरो दोस्त है, इयां तो कोनी क कोई जी न सुआवंती बात केवां, उल्टो डरावे और है'
'यार म तो साचली केउँ,बाकी तू बता द के चावे'
'मन फ्रेंड बनावणी ह बिन'
'फुटग्या रे कर्मडा, सुणी ही दिल आयो गदी पर तो परी कईं चीज है, आज देख भी लिओ, चल देखां दिखाण'
बुटी पार्लर आळा र एक छोरो हो साइल (साहिल) नाँव रो, म्हे बिन भायलो बणायो, थोड़ो इन्ने उन्ने री बातां कर कुचरयो तो ठा पड्यो क टिंगरी रो नाँव शिल्पा ह।
धनिये न बतायो तो नाँव सुण इयां राजी हुयो जाण लाइ रो ब्याव मांड दियो। शिल्पा रो पुरे दिन रो शेड्यूल ला अर झला दियो , कद आव कद जाव, कठ जाव किरे सागे जाव, सो कीं। ल भाया कर ले अब कीं खाँगी करह् तो।
धनियो रोज झींटिया सुळजा बुगी बा शिल्पा र लारे जावंतो, अर बियां ई बाको बा अर पाछो आ जांतो। कई बार कियो, भाया इयां टाइम तो खोटी कर ना, जको कीं केणो ह केर बात सलटा। का तो इन र का बिन। रोज जावंता केर जांतो क,' आज तो पक्का बात फाइनल कर आस्युं' पण ढ़ाक रा बेइ तीन पत्ता। बिउँ कीं कोनी केइजतो। रोजीने सिलपा रा गीत गावन्तो, बा इयां बा बियां, म्हे घणो ई ताण मारयो पण धनियो तो बिन स्कूल उ घर, घर उ स्कूल पुगावण म ई रियो, शिल्पा न फर्स्ट इयर म ही परणा दी, धनियो अरडायो घणो पण अब पछताया कईं हुव, रोवन्ता बिलखता जी धपा लियो टाइम गुजरयो अर धनियो खुद कॉलेज पार करग्यो।
3 साल सहर ने रेवता धनियों रेण सेण सो कीं सीख गयो, अब बिन देख र कोई कोनी के सकतो के ओ छोरो बी कदे गाँव री बूच हो। भाग जोर मारयो तो दिल्ली मेट्रो म स्टेशन कंट्रोलर लाग गयो,धनियो जके न सावळ हिंदी कोणी आंती बो फर्राटे ऊँ अंग्रेजी बोलतो, सगळा केंता यार अब तो सेट हुग्यो ब्यावड़ो मंडा ल, बो आडी बाता कर बात आई गई कर देंतो, 3 साल और हुग्या एक दिन फोन आयो, धनियो ही हो, अंग्रेजी म बोल्यो, यार शिल्पा याद ह के?
'किसी सिलपा? अर हाँ रे, कियां आज बीरी याद कियां आई'
'यार तन ठा ह साल हुग्यो बीरो घरआलो चल गयो'
'ओहो, माड़ी बात हुई यार, आ तो, लाण र ब्याव न कितोक तो टेम हुयो, तन कण कियो'
'साइलिये बतायो, बो भी अब दिल्ली म काम कर नी'
''आछ्या''
''यार एक बात और है, परस्यूं मेरो ब्याव है"
"हैं?"
"हाँ, शिल्पा साग"
"अरे बेटी रा बाप, आ कद करी तू 😊"
"लम्बी काहणी है, शार्ट में आ समझ के म बीरे घरगां ऊँ बात कर ली, सब सेट हुग्यो, भगवान घरे देर है अंधेर कोनी, चल बाद म बात करस्या" केर बण फोन रखदियो।
मेरे सामी धनिये री पूरी काहणी पाछी दौड़ गई, देर आयो पर दुरस्त आयो, आज अचानक मेरी नजरां म धनियों सगळी प्रेम काहणियां र पात्रा ऊँ ऊँचो उठग्यो।
‪#‎जयश्रीकृष्ण‬
©अरुणिम कथा

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