😜😜😜😜😜 क्रेक जेक 50-50/ झुमरू ...पार्ट 2 ♠♠♠♠♠ .


'अजी सुनती हो ? दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे'
.......
'लाइट जलिंग मतलब ऑनलाइन होइंग बट नो रिप्लाइंग ,मने सरेआम बेज्जती, खैर वो तो कोई नई बात है नहीं, ए सुनो  सुन रही हो ना, नही सुन रही ? देखो बात करो न मुझसे...... नहीं कर रही ?"
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'अमा दिल तोड़ रही हो चुन्नू की माँ ?'
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'हाए वे रब्ब जी अब मैं कहाँ जाऊँ ये टुटा हुआ दिल लेकर , चल बेटा तन्मय बहुत लीन हो लिया, ये नहीं सुनने की'
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'पर कहाँ जाऊँ ? जाऊँ कहाँ बता ए दिल दुनिया बड़ी है संगदिल.....चुप बे सैड सांग के सगे वाले...जब देखो गाना बजता रहता है खोपड़ी में.....पर ये बात ही नही कर रही तो क्या करूँ.....क्या करूँ क्या करूँ.......आईडिया....एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया....वाह ये हुई न बात.....तुम क्या सोचती हो एक कागज पे टुच्ची सी मोहर नही लगेगी तो तारा पाकिस्तान नहीं जाएगा...? आई मीन तुमको क्या लगता है तुम मुझसे बात नहीं करोगी तो मैं बात करना बन्द कर दूंगा ...? ओजी मैं तो अकेले में दीवारों से बात करके टाइमपास करने वाला बंदा हूँ , अब तन्मय का तन , मन से बात करेगा अभी के अभी...हाँ तुम वही कंटिन्यू करो जो कर रही हो.....बड़ी आई'
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'@ हाँ तो भैये तन का हाल चाल बा'
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'@ बिलकुल झक्कास मन भाई'
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'@तन ,बहुत दिन बाद दिखाई दिए यार'
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'@मन, झूठ नही पार्टनर, झूठ नही, जग से कोई भाग ले चाहे मन से भाग न पाए ....मैं दिखता नहीं और हमेशा होता हूँ '
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'@तन , देख अब ये फिलोसोफी झाड़ के दिमाग मत खराब कर मेरा...'
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'@मन, क्यों क्या हुआ...'
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'@तन, अभी तो बोल रहे थे की सब पता है, जब सब पता है तो पूछ क्यों रहे हो झोपडी के...'
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'@मन, अरे पता तो भगवान जी को भी सब रहता है, पर फिर भी पुकार लगानी पड़ती है कि नहीं...'
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'@तन , पॉइंट है तो तेरी बात में, चल छोड़ इसे ये बता कि ये मैडम मेमसाब तुमको कैसी लगती है...'
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'@मन , ओहो अपनी बात मेरे मुंह से सुनना चाहते हो हाँ ....हमसे चालाकी ..'
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@तन, बोल न यार...'
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'@मन, सुन प्यारेलाल, अपने को तो सब अच्छी ही लगती है , इस दुनिया में बुरा सिर्फ नजरिया होता है और कुछ भी नही, खूबसूरती देखने की नजर हो तो धारावी की झोपड़ पट्टी होंगकांग से ज्यादा खूबसूरत लगेगी..,जिसे दोष ही निकालने हो वो तो सीता माता में भी खोज लेगा .'
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'@तन...अबे ओये , पका मत समझा... बोला था ये फिलोसोफी किसी और के सामने झाड़ना'
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'@मन, अब मुझसे तुम बुलवाना क्या चाह रहे वो बताओ...अच्छा सुनो इस मैडम को बोल देना की हमको इससे बात करना पसन्द है, और हाँ थैंक्यू भी बोलना, बड़े वाला, कहना मन ने बोला है मन से.. :)'
..
'@तन , अच्छा तो ये बात है... जुम्मा जुम्मा चार रोज हुए है तुझे इनसे बतियाते हुए....और.....चलो...तुम भी क्या याद करोगे बोल देंगे यार...पर घण्टा बोल देंगे, किससे बोल देंगे, जिससे बोलना है वो तो बत्ती जला के न जाने किस अँधेरे में घूम रही'
......
.........और  वो आ गई जिसका इंतज़ार  था......

" हाहाहा Lolzzzz  ये सब क्या है......तुम सचमुच पागल हो ..."

'भगवान तेरे घर देर तो है, अंधेर भी है यही मान लेता सच में अगर आज ये मुझसे बात न करती तो.....यार तुम ऑनलाइन थी पर मुझसे बात नही कर रही थी तो और क्या करता बताओ?'

"क्यों कुछ और काम नहीं है...अच्छा तुम करते क्या हो"

'कुछ नहीं मैं बस बातें करता हूँ , कुछ हैं जो कहते हैं की बड़ी प्यारी बाते करता हूँ पर सच्ची बोलूं, अंदर की बात है किसी को बताना नहीं, मैं प्यारी नहीं ढेर सारी बातें करता हूँ, और मुझे कोई न कोई चाहिए होता है जो मुझसे बात करे....और कुछ नहीं चाहिए यार कुछ भी नही...'

"तुम सच में अज़ीब हो , बहुत अलग हो, सच कहूँ तो तुम्हारी ज्यादातर बातें मेरे पल्ले ही नहीं पड़ती, अच्छा मुझसे कुछ नही पूछोगे ?"
'नहीं, कुछ नहीं पूछना'

"क्यों, तुम मेरे बारे में कुछ नहीं जानना चाहते ?"
'चाहता हूँ, अच्छा बताओ'

"क्या बताऊँ?"

'वो जो तुम्हे बता कर और मुझे सुनकर ख़ुशी मिले, कुछ भी ऐसा जो तुम नहीं बताना चाहती, प्लीज मत ही बताना..'

"क्या यार, ऐसे कोई कैसे कुछ बताएगा, अच्छा सुनो, मेरा नाम वही है जो प्रोफाइल पर लिखा है, घर पर सब आशु बोलते हैं"

'हाहाहा ये तो हद ही हो गई, पता है मुझे घर पर तनु बोलते हैं मने लड़कियों वाला नाम और तुम लौंडो वाला आशु नाम लिए घूम रही हो,हाहाहा चल हाथ मिला यारा, हमारी खूब जमेगी'

"कुछ भी हाँ.....?"

'ओके सॉरी सॉरी.....😂😂😂😂'

"जाओ मैं नही कुछ बताती"

'हे भगवान मैं इसे कैसे समझाऊं के जब ये गुस्सा होती है मुझे ज्यादा वाला प्यार आता है इस पर...😂😂😂😂😂😂'

"तुम कितने फ्लर्टी हो यार"

'फ्लर्ट? ओजी ना, इसक है सच्चे वाला...दुनिया में जितने भी आशिक हुए हैं पता है इनको इंस्पिरेशन कहाँ से मिली थी?'

"कहाँ से?"

'बताओ, पूछने को नही बोला....'

"मुझे नही पता , तुम ही बताओ.."

'ऑफकोर्स मुझसे और किससे... हाहाहा'

"अब तुम पकाना मत शुरू करो ओके..बड़े आए..अच्छा ये तो बताओ तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड कौन है"

'अभी तो तुम ही हो, क्योंकि तुम मुझसे बात कर रही हो, वैसे है एक नमूना और भी ....संचित,,,संचु बोलता हूँ मैं उसको'

....................और वो बोलता गया बोलता गया..लगातार बिना रुके बिना थमे अपनी कभी न खत्म होने वाली बातो के साथ तन्मय, वाकई उसे लीन कर डालता, आस्था एक 19 वर्षीय मॉर्डन लड़की थी, हमेशा तहजीब और तमीज से बात करना सीखा था, कुछ भी बोलने से पहले 100 बार सोचने वाली , पर बिना विचारे कुछ भी बोलने वाला ऐसा कोई कार्टून पहली बार  एक्सपीरियंस कर रही थी.. इतना अनाड़ी, इतना बेवकूफ और इतना भोला कोई कैसे हो सकता है..? उससे बात करके बिल्कुल अलग अनुभव होता, लगता जैसे कोई मजेदार नौटंकी चल रही है और वो खुद भी उसका हिस्सा है...

क्रमशः .........

#जयश्रीकृष्ण

©अरुण

Rajpurohit-arun.blogspot.com

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