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""" लाइट....साउंड... रोल कैमरा.... एंड एक्शन...."""
"हाय -हेल्लो -सलाम -नमस्कार- सत श्री अकाल -आदाब - केम छो ...मैं हूँ आपका होस्ट न दोस्त अरुण...और आप देख रहे हैं आपका मोस्ट फेव...रेट प्रोग्राम ...जिसका नाम है ...ठरकीईईई बकराआआआ लाइव ....जी हाँ ठरकी बकरा , इस प्रोग्राम में हम किसी ठरकी का पीछा करेंगे और देखेंगे की वो क्या क्या करता है....यू नो समथिंग लाइक टू एक्सपोज़ द स्टुपिड मेंटेलिटी.....हर रोज की तरह ...आज भी ...हमारे साथ हैं ....अजीत .....जो रोज हमारे लिए ऐसे लाइव ठरकी ढूंढ ढूंढ के लाते हैं ...जो रेडी होंगे.. अपने आज के टारगेट बकरे के साथ...नेक्स्ट इज़...ओवर टू यू अजीत..."
'थैंक्स अरुण....और नमस्कार दोस्तों...जैसा की अभी अभी अरुण ने बोला...आज हम फिर से एक ठरकी को ढूंढ लाए हैं...तो फिर देर किस बात की निकल पड़ते हैं हम इस मजेदार सफर पर...मेरे साथ हैं मेरे सहयोगी कैमरामैन गौरव ...जो आपको आज के ठरकी 'छोटे लाल' से मिलवाएंगे .....जी हाँ दोस्तो यही है वो...गिरगिट की तरह इनकी आँखे भी 180° एंगल तक घूम सकती हैं तो ..इनकी नाक देखने में भले ही पकोड़े जैसी लगे पर है बहुत तेज, अपने इन्ही गॉड गिफ्टेड के साथ ये मोहल्ले में आने जाने वाली हर छोटी बड़ी लड़की को ताड़ते पाए गये हैं... आपको लगता होगा शायद इसके 5 फुट के कद की वजह से ही इसे छोटे नाम मिला हो..पर नहीं...अगर आप ये सोच रहे हैं तो गलत सोच रहे हैं.. ये महाशय अपने घर में सबसे छोटे हैं ... आपको हंसी आ रही होगी ...राईट.? हंसिए पर सुनिए...ये चालीस साल का छोटा सा बच्चा वाकई छोटा ही है सबसे...कम से कम अपने घर में तो है ही....हाहाहा....जोक्स अपार्ट... आप सोच रहे होंगे की हमने इनको कैसे ढूंढा..? अजी ठरकी ढूंढने नही पड़ते..मिल जाते हैं खुद ब खुद... और समझिए की ये भी मिल ही गए हमको... इनके पास भी शशि कपूर साहब की तरह बस ...माँ है...सुना है की दो बहने भी थी एक खुद भाग गई दूसरी को कोई और भगा ले गया.. बचे बेचारे छोटे ...तो इनकी भी शायद कुछ ऐसी ही तमन्ना है.... इसी तमन्ना के मारे ये बेचारे ठरकी अंकल ..अपना मोठ का ठेला गर्ल्स स्कूल के गेट के पास लगाते हैं... और कुछ नहीं तो छोटी बड़ी, मोटी पतली, लम्बी नाटी, गोरी काली...खूबसूरत बदसूरत नहीं कहूँगा..क्योंकि इन्हें सब खूबसूरत ही लगती है और ये सबको एक ही नज़र से देखते हैं...हाँ तो हर तरह की लड़कियों के दर्शन का असीम सुख प्राप्त करते हैं ..पर ये क्या आज ये ठेला नहीं लगा रहे ? चेहरे पर मासूमियत का नकाब ओढ़े आज ये जा कहाँ रहे हैं...मेरे सहयोगी गौरव से मेरा अनुरोध की एक पल भी कैमरा की नज़र से इन्हें ओझल न होने दे...'
'बात चाहे फिल्मों की हो या असल जिंदगी की ,हकीकत यही है कि जो दिखता है वही बिकता है ... और लड़कियों की बात हो तो ......नेचर ने उन्हें इतना कोमल इतना मासूम और इतना खूबसूरत बनाया है कि कुछ अच्छे के अलावा इनके साथ कुछ जमेगा भी नहीं ...40 साल खा लिए पर इनको अब तक इतना भी समझ नहीं आया सिर्फ ताड़ने से कुछ नहीं होता कोई आपको भी देखे उसके लिए आपको देखने लायक बनना पड़ता है....ब्रांडेड कपड़े, गॉगल्स, वॉचेज, और भरा हुआ वॉलेट तो जरूरी है ही एक स्पेशल तरीके से ट्रीट करना भी आना ही चाहिए....लेकिन इन्हें कौन समझाए.... देखिए तो सर पर सरसो के तेल से चुपड़े बाल हैं जिसके बीचों बीच चंद्रमा निहारने लगा है तो पैरों में रेलेक्सो हवाई चप्पल...यूँ कहैं की हद ही समझ लीजिए बदसूरती की...अरे और नहीं तो कम से शर्ट को अंडर सेट ही कर लेते ...कुछ तो अच्छा लुक आता...... अरे अरे ये तो बस में सवार हो रहे...देर किस बात की हम भी वही चलते हैं ....ओहो...देखिए तो डबल सीट रोक रखी है पट्ठे ने.....मैं बताता चलूँ की ये ठरकी लोगो की खासियत है वो कभी उम्मीद नहीं छोड़ते , जरूर अपने सफर को रंगीन बनाने के लिए इन्होंने ये किया है...जैसे ही कोई कन्या सवार होगी , बहुत जेन्टलमेंशिप दिखाते हुए उसे सीट ऑफर करेंगे....फिर पूरे रास्ते... यू नो...अहसान का फायदा उठाने की कोशिश होगी.... वो न भी हो तो भी स्पर्श सुख तो मिलेगा ही....दिज ठरकीज आर जस्ट ए ठरकी इन एव्री मेन्नर...हाहाहा... ओह शिट... बेचारे ठरकी का बैडलक....लड़की चढ़ी थी पर उसके पास नहीं बैठी...उसके पास बैठने से खड़े रहना ज्यादा बेटर ऑप्शन लगा है मोहतरमा को, वैरी गुड, लड़कियों के सेंसर्स का तो क्या कहना...झट से पहचान जाती हैं की किसकी नज़र में क्या है........छोटे लाल की आँखों में भूख और हवस साफ देखी जा सकती है .... .....अहा....देखिए वही हुआ जिसका आपको और हमको पहले से पता था.....छोटे लाल ने अपनी सीट एक बुजुर्ग दम्पत्ति को दे डाली, खुद खड़े हो गए..... कहा था न दिज ठरकीज आर जस्ट ए ठरकी इन एव्री मेन्नर... आपको क्या लगता है ये क्यों खड़ा हुआ है.... दया..? माय फुट...वो ही स्पर्श सुख पाने के चक्कर में...अब ये धीरे धीरे लड़की के करीब जाएगा...... कितना करीब पहुंचेगा ये हम देखेंगे एक इकलौते छोटे से ब्रेक के बाद.... कहीं मत जाइयेगा ....मिलते हैं बस इत्तु सी देर में....तब तक के लिए स्टे ट्यून स्टे कनेक्टेड ...
'घने मुलायम काले बाल खिले खिले मतवाले बाल...."
'स्टे फ्री...ये एक्स्ट्रा सोखता है '
'मेरी त्वचा से तो मेरी उम्र का पता ही नही चलता.."
'प्रेग्ना न्यूज़...खुशियों की खबर...'
'किस मी क्लोज योर आइज, मिस मी क्लोज योर आइज..'
'लक्स....मेरी खूबसूरती का राज..'
'हाय हैंडसम हाय हैंडसम..'
'कोहिनूर चॉकलेट फ़्लेवर...'
'टीटी अंडर गारमेंट्स...फिट है बॉस..'
'ब्रेक के बाद फिर से आपका स्वागत है.... हम है अजीत और आप देख रहे हैं ठरकीईईई बकरआ ....आपको बताता चलूँ की हमारे आज के बकरे छोटे की उम्मीदों पर फिर से पानी पड़ गया... इससे पहले की छोटे कुछ करीब जा कर अपनी दमित इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करते ...लड़की बस से उतर गई... छोटे अपनी काइयाँ नजरे बाहर दौड़ा रहे हैं....चेहरे पर थोड़ी उदासी जैसा कुछ है...होगा ही...हवस जो पूरी नहीं हो पाई.... बस रुक गई...छोटे के साथ हम भी नीचे उतर गए...... छोटे सुखाड़िया सर्किल के चौराहे पर खड़ा है....चिंता मत कीजिए हम इन पर पूरी नजरें गड़ाए हुए हैं....ओहो तो ये बात थी.....छोटे एक ऑटो में सवार हो चुके हैं....हम अपनी ओवी वैन के साथ इनके पीछे हैं ...और जैसा की हम देख पा रहे है ऑटो में कोई कन्या भी सवार थी पहले से...छोटे को देख कर वो एक कोने में दुबक गई है...पहचान गई वो झट से, हमारी तरह, की ये खड़ूस ठरकी है,...उपेक्षित सी नज़र डाली होगी की हट बे ठरकी........छोटे समझ चुके है की यहां भी इनकी कोई दाल नहीं गलने वाली...इसलिए बाहर झाँक रहे हैं चुपचाप...ऑटो रुक गया.....छोटे नीचे उतरे....लेकिन...? हॉस्पिटल..?.क्यूँ ?'
"सॉरी टू इंट्रप्ट यू अजीत, जैसा की हम देख प् रहे हैं की ये ठरकी हॉस्पिटल आया है...पर ये तो भला चंगा लग रहा है....क्या लगता है यहां क्यों आया होगा.....? क्या इनके किसी कांड की कोई भुगतभोगी एडमिट है यहाँ ? आई इंसिस्ट....अजीत पता करो ई चक्कर क्या है..."
'ओके अरुण, मैं उसी से पता करने की कोशिश करता हूँ......हियर आई गो.......
'एक्सक्यूज़ मी, हाँ जी आप...आप से ही बात करनी है...'
'हैं जी...मुझसे...?'
'हाँ आप छोटे लाल जी हो ना.... बहुत सुना है आपके बारे में...आप यहाँ कैसे...आप ठीक तो हो ...मशीन वशिन सब ठीक से काम कर रही है न आपकी...क्या चेक करवाने आए हो..?'
'बाबूजी माँ बीमार है, दुइनो गुर्दा फेल हुई गवा , डॉक्टर बोला तुम्हार गुर्दा लग जाई तो बच जाई, ओहि खातिर आए रहे.....'
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सम्पर्क टूट गया ,शायद
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कैमरा मेन गौरव , अजीत की ठुकाई कर रहे हैं.... अरुण को पेट भर भर के गालियाँ निकालते हुए...कमीनों भाड़ में गया तुम्हारा टुच्चा शो....बीप बीप बीप
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#जयश्रीकृष्ण
©अरुण
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