😂😂😂😂😂 झुम-झुम झुम-झुम झुमरू

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'हेल्लो हेल्लो कोई है.......'
'ओ हेल्लो , वन टू थ्री हेल्लो वन टू थ्री ......अल्फ़ा टू डेल्टा अल्फ़ा टू डेल्टा.....कोई सुन रहा है...?'
' कमाल है यार लोग फोन हाथ में लेके सो क्यों जाते हैं.....ओजी याद में तेरी जाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते हैं......'
'अजी म् केया घरे ई ओं मालको...'
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"???????"

'यू नो, आज इत्ते दिन में पहली बार रिप्लाई किया है आपने, पता भी है लेट रिप्लाई करना कितना बड़ा क्राइम है...? गरीब की हाय से न सही पर भगवान से तो डरो'

"माय फुट, यु आर मेड और व्हाट..? डोंट यू अंडरस्टैंड...आई एम् नॉट इंट्रेस्टड इन टॉकिंग विद् यू"

'ओजी इंटरेस्ट का की है आज नहीं है कल हो भी सकता है, परसों फिर से नही होगा...पर हम ये कल परसो के चक्कर में अपना आज क्यों खोएं ? समझ नही आया न..? एक्चुअली मुझे भी नही आया..😂😂😂😂.पता है पहले मुझे कद्दू की सब्ज़ी बड़ी बकवास लगती थी, पर आजकल गपागप खा जाता हूँ वो भी कटोरा भर के...क्या समझे..?'

"कुछ भी नहीं समझी मैं और कुछ समझना भी नहीं चाहती , आप अपनी कद्दू की सब्ज़ी का कटोरा उठाओ और निकलो इधर से, पता नहीं कहाँ कहाँ से चले आते हैं मुंह उठा के..."

'हाय ओ रब्बा, इन्नी बेज्जती, वैसे हिसाब से तो आपके इस बेज्जती वाले डायलॉग पर मेरा सुसाइड करना बनता था पर हम बंदे जरा दूजी किस्म के हैं... और मैं मर गया तो मेरे घरवालों का क्या होगा , है के नई...?'

"यार क्यूँ पका रहे हो, कसम से सर दर्द करने लगा है मेरा..."

'यूँ की अब आप मुझे दफा हो जा बोल रहे हो...?'

"यस फाइनली यू गॉट इट"

'वो तो ठीक है पर आपने मेरी बकरी के आगे ईंट क्यों रखी है, देखो हमारी बकरी थोड़ा नाजुक मिजाज की है, उसको लग वग गई ना तो तलवारे चल जाएंगी तलवारें...'

"????????....कौनसी बकरी कौनसी ईंट, बोला न की सर मत खाओ..."

'अरे अभी अभी तो ...बुजुर्गों ने ......फरमाया...की अपने पैरों के ऊपर........हे भगवान ये मेरे गाने भी न जब देखो बिना बताए चल जाते है ,...छोडो वो आपने ही तो बोला की यू गॉट इट... यू मने तुम यानि मैं गॉट मतलब बकरी और इट तो ईंट ही होती है, माना की अंग्रेजी नहीं आती पर इतना भी बुरा नहीं हूँ मैं दसवीं में पुरे 44 नम्बर आए थे अंग्रेजी में...😂😂😂😂😂😂😂  आप किसी को बताओ नहीं तो एक बात बोलूं , वो क्या है न की उस 44 में से 3 नम्बर की नकल मारी थी मैंने....😂😂😂😂 '

"यू नो, तुम सच में पागल हो..."

'हाँ जी आप भी बोल लो , पर उसमे गलत ही क्या है, सब के सब पागल हैं बस मेरी तरह ढीठ बनके मानता कोई कोई ही है....कोई बिजनेस के लिए पागल है तो कोई पैसे के लिए, कोई लड़का/लड़की के लिए पागल है तो कोई सत्ता के लिए, कोई नशे के लिए पागल है....मेरा क्या है मैं तो पागलपन के लिए पागल हूँ, वैसे आप ने बहुत समझदारी ट्राई की है न.... कभी मेरी तरह पागलपन ट्राई करो ...बाय गॉड की कसम बहुत मज़ा आएगा...'

"हाहाहा अच्छा....? हम्म तो तुम कभी कभी समझदार भी हो जाते हो हाँ....सुनो, तुम जो भी हो....अभी के लिए इतना काफी है,,,वरना मैं सच में पागल हो जाऊँगी... तुम हो क्या यार....कहाँ से आए हो क्यूँ आए हो....पर जो भी हो जहाँ से भी आए हो कभी खुद को बदलना नहीं, जैसे भी हो बहुत अच्छे हो.... एंड वन मोर थिंग...आई लाइक योर पागलपंती...बाय फॉर नाउ"

'हंसते हंसते कट जाएं रस्ते,
ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहे,
ख़ुशी मिले या गम बदलेंगे ना हम,
दुनिया चाहे बदलती रहे......बाय बाय दिलबरा.....'

***

'अजी चुन्नू की माँ सुनती हो...? हे म्हारा राम जी कहाँ चली जाती है ये छोरी भी, ओजी लाइट जल रही आपके कमरे में...'

"कोनसी लाइट ? और ये चुन्नू की माँ का क्या मतलब....कौन चुन्नू ...और यहां उसकी माँ कौन है बताना जरा....?😬"

'ओ तेरी गुस्सा ? बताता हूँ यारा...पर उससे पहले.....श्री श्री 1008 श्री धर्मेंद्र जी महाराज ने फरमाया है की ' कोई हसीना जब रूठ जा ती है तो, है तो और भी हसीन हो जाती है...., उसके आगे स्टेशन गाड़ी और भी कुछ है पर वो याद नहीं आ रहा...हाँ तो हम कहाँ थे...मेरा मतलब तुम कुछ पूछ रही थी ना..ऊप्स आपको तुम बोला...हे भगवान इसके लिए मुझे नर्क में भी जगह मत देना...मुझे इसी के साथ स्वर्ग में रखना, नरक इसको सूट नहीं करेगा और अकेले में मेरा मन नहीं लगेगा....😂😂😂😂😂😂, वैसे लाइट से मेरा मतलब उस ग्रीन बत्ती से था जो तुम्हारे नाम के साथ जल रही है...😊

"हाहाहा ओ माय गॉश, किधर की बातें किधर ले जाते हो, बातें न बनाओ, बताओ ये चुन्नू का क्या चक्कर है....?"

'अरे वो कुछ भी नही, मेरा जब बेटा होगा तो उसका नाम मैं चुन्नू रखूंगा...तुम्हे कोई एतराज़ तो नहीं....?'

"मुझे क्यों एतराज़ होने लगा , तुम चाहे चुन्नू रखना मुन्नू रखना या कुछ भी रखना तुम जानो, मुझे उससे क्या.."

'सच में ? पक्का तुम्हे कोई प्रॉब्लम नहीं ना? देखो फिर मुझे बाद में चिक चिक नही चाहिए...और सुनो चुन्नू को मैं हिंदी मीडियम में पढ़ाऊंगा, फिर ये सुनने को मिला न की चुन्नू को इंग्लिश मीडियम में भेजो अगेरा वगैरा.. तो यू जानती न की मुझसे बुरा तो यूँ भी इस पृथ्वी लोक में कोई नहीं है...'

"तुम पागल हो , कुछ भी बोलते हो....मुझे तुमसे या तुम्हारे उस होने वाले चुन्नू से क्या लेना देना...हिंदी पढ़ाओ या मराठी मुझे क्या...."

'हे भगवान कैसी माँ है ये, बच्चे की जरा भी परवाह नहीं, देखो तो '

"ओ हेल्लो, क्या था ये , फोन में घुस के चमाट लगाउंगी ओके"

'तब तो बहुत बुरा लगेगा न, सब कहेंगे लुगाई से मार खा ली, अच्छा ठीक है तुम जीती फिर से, मैं हारा'

"यार तुम चीज क्या हो आखिर, कुछ समझ नहीं आता, कुछ भी बोलने लगते हो और सुनो ये प्रोफाइल पर क्या बना रखा है , कब से फालतू की बकबक किए जा रहे हो, अपने बारे में बताओ कुछ"

'मेरे बारे में , अम्म्म क्या बताऊं यार , एक्चुअली बताने जैसा कुछ है भी नहीं, मैं तन्मय हूँ बोले तो 'लीन', अभी तुमसे बातों कम शरारतों में लीन हूँ , छोटे शहर से हूँ, छोटा सा नाम, छोटे छोटे सपने , छोटी छोटी उम्मीदें और तो और बातें भी बड़ी बड़ी करनी नही आती , इत्ती बार छोटा बोला है लग रहा जैसे अब तुम मेरा नाम छुट्टन रखने वाली हो 😂😂😂😂😂'

"यू आर जस्ट टू मच😂😂😂😂😂, हेव टू गो नाउ....सी या..."

क्रमशः

#जयश्रीकृष्ण

(फेसबुक पर धारावाहिक कथाओं का दौर चल रहा है, मौका देख कर हम भी अपना कुछ चेपने की फ़िराक में थे, ये झुमरू कथा आपको पसंद आई तो ठीक है वरना बेझिझक बोल देना, अपन क्रमशः पर इरेजर चला देंगे सिम्पल 😊)

©अरुण

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