☪☪☪☪☪ ये कश्मीर है.... ♠♠♠♠♠


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कश्मीर का जिक्र आते ही मन में खूबसूरत वादियां , नदियाँ, झरने , पहाड़ , बगीचे....बड़ी खुशनुमा सी तस्वीर उभरती है, पर क्या इस नाम के साथ बस खूबसूरती ही जुडी है...? नहीं ..पूरा सच ये भी नहीं.... आइए थोड़ा कश्मीर मेरे साथ भी घूमिए.....जब मैं वहाँ बी एड करने गया था...तो स्वाभाविक रूप से बहुत से लोगो से बात भी हुई थी... जैसे  हमारे कॉलेज का हॉस्टल वार्डन जावेद...जो हमे ये बताता की आप लोग यहाँ मेहमान हो...मेहमानों की तरह ही रहना.... देशभक्ति मने भारत भक्ति अगर हो तब भी उसको भीतर दबा के रखना ...बाहर मत निकालना, ये कश्मीर है भारत नहीं.....!!!! ? चौंके न आप....अजी चौंकना छोड़िए...आगे देखिए....यूँ भी किसी बन्धन में रहना ज्यादा नही सुहाता...तो हम लोग कॉलेज के होस्टल में रहे ही नही.....बाहर एक पोर्शन रेंट पर ले लिया....हमारे पड़ोस में एक युसूफ अंकल रहते थे...डॉ थे...समथिंग लाइक कश्मीरी इंटेलेक्चुअल ... बहुत से लोगो की तरह उनसे भी बतियाते हम लोग.......हाँ उन युसूफ के अथाह ज्ञान की बदौलत हमने ये जाना कि कश्मीर तो कभी भारत का हिस्सा बना ही नही...कब्ज़ा किया है आपके हिंदुस्तान ने... हम हंसकर  पूछते...तो क्या अंकल आप पाकिस्तानी हो...? वो कहते नही...हम कश्मीरी हैं ..पड़ोस का एक और बाशिंदा मुजामिल ...अपने सपने में खुद को आज़ाद कश्मीर में पहुँचने की ख़ुशी हमसे साँझा कर के बताता....लगा जैसे मैं जन्नत पहुँच गया हूँ.....वुऊऊहुऊऊ .....वादिये कश्मीर तुझ पर जान कुर्बान...... हम असमंजस से पूछते आज़ाद कश्मीर कौनसा ? वो बताता अरे वही जिसे तुम लोगो की गवर्मेंट पीओके बोलती है...इंशा अल्लाह एक दिन हमारा कश्मीर एक होगा.....हम मासूमियत से कहते ..पर ये तो हम भी चाहते हैं.....वो गुस्से से डराता.. अरे हमारे और तुम्हारे चाहने में बड़ा फर्क है....कश्मीर एक होगा और तुम्हारे इंडिया और पाकिस्तान दोनों से अलहदा खुदमुख्त्यार मुलुक बनेगा.....देखना अगली बार जब आओगे तो पासपोर्ट लगेगा तुमको ......हाहाहा ..वो हंस देता तो हम भी मुस्कुरा लेते जबरन... .. जब कभी हुमैमा चौक राशन लेने जाते गुप्ता जी की दुकान से....तो अचानक ...कई दीवारों पर गहरे स्याह अक्षरो में पुते .."इंडिया गो बैक" के स्लोगन से माथा खराब हो जाता........मकान मालिक का बेटा खुर्शीद हो या उसका दोस्त उमर ..हमसे बहुत दोस्ताना व्यवहार करते पर ..जब भी  कुछ भी ऐसी चर्चा चलती तुरंत कश्मीरी बन जाते......और हम खुद को उनके विरोधी खेमे में खड़ा पाते ...इंडियन जो थे......... इतना तो तय है की कश्मीरी खुद को हिंदुस्तानी नहीं मानते...पर क्यों.... ? हमारी टी पी मने टीचिंग प्रेक्टिक्स के लिए हमको बडगाम के एक स्कूल में जाना पड़ा.... वहाँ के हेडमास्टर वाहिद मियाँ ने हमारा इंट्रो बच्चो से कराया...ये हिंदुस्तान से आये है.....!!!!? ओह तो यहाँ तक है इसकी जड़ें....? हर जुम्मे मने शुक्रवार को पड़ोस की जामा मस्जिद में स्पेशल नमाज होती.....अल्लाह हु अकबर के बाद ...मुल्ला जी माइक संभल लेते....फिर काश्मीरी भाषा में उनकी कर्कश और उत्तेजक वाणी में व्याख्यान होता, कुछ समझ में न आते हुए भी बहुत कुछ समझ आ जाता जब रोज हमसे हंस कर बात करने वाले कश्मीरी भी वहाँ से बाहर निकलते वक़्त जलती अंगारों सी आँखों से हमे घूरते .... उनकी आँखे अहसास कराती कि हिंदुस्तानी होना वहाँ सम्मान की बात नही .

 फैक्ट यही है कि अलगाववाद का भूसा लगातार आम कश्मीरी के मन में लगातार ठूसा गया है......स्कूल हों या कॉलेज...यही पढ़ाया गया है कि कैसे इंडिया ने कश्मीर पर कब्ज़ा किया है...... आज़ाद कश्मीर का कोई रोड मैप किसी के पास नहीं पर...आज़ादी के दिवास्वप्न के चलते हर मन को पृथक्कता के विष से सींचा गया है.....

 एक पत्रिका में एक आलेख पढ़ा था कहीं...पूरा तो याद नहीं पर मजमून कुछ यही था कि आज़ादी के बाद से कश्मीर पर इतना खर्च किया है भारत सरकार ने की अगर सच में वो ग्राउंड पर लगता तो वहां की सड़के भी सोने की होती. .... आर्टिकल 370 जानते होंगे आप भी....इस आर्टिकल के बोझ तले छोटी सी समस्या को नासूर बना दिया हमारे चचा ने.....6 साल की विशेष विधानसभा..जो अपने क्षेत्र में हमारी संसद से अधिक प्रभावी है.....अलग झंडा...अलग संविधान .....दोहरी नागरिकता ...विशेष नागरिक अधिकार......और भी न जाने क्या क्या.....जब उन्हें इतना अलग होने का लगातार अहसास कराया जाता रहा है तो क्या आश्चर्य अगर वहाँ के लोग खुद को हमसे अलग ही मान लें.

 अपनी ही सेना को आततायी मानने की उनकी प्रवृति नई नहीं हैं , बहुतों को देखा था सेना के खिलाफ ज़हर उगलते हुए, कल सुना की आतंक समर्थक 3 पत्थरबाज़ परलोक भेज दिए हमारी सेना ने...ये भी सुना की वो किसी आतँकनिरोधक कार्यवाही के विरोध में आतंकियों के पक्ष में सेना पर पत्थर बरसा कर अपनी विशिष्ट देशभक्ति का परिचय दे रहे थे.....आज जैसा की अलगाववादियों से अपेक्षित भी है कि उन तथाकथित मासूमों की याद में कश्मीर बन्द  का आयोजन हो रहा है.....जरा भी अचरज नही...  वो वही कर रहें हैं जो उनको करना है...इसलिए हम भी वही करें जो हमे करना चाहिए ...मत बहकिए अगर कोई मानवाधिकार की दुहाई देने वाला सेक्युलर किसी देशद्रोही के लिए घड़ियाली आंसू बहाए......मत बहकिए अगर कोई आपकी सेना को अत्याचारी सिद्ध करने की कोशिश करे, सेना बहुत नियंत्रित है पर वही कर रही है जो एक जिम्मेदार देश की सेना ऐसी परिस्थिति में किया करती है......कार्यवाही रुकनी नहीं चाहिए.... कश्मीर को जड़ से लेकर शिखर तक इलाज की जरूरत है...इलाज होने दीजिए.....सेना का मनोबल बढाइये....और वहाँ की सरकार का भी....क्योंकि वही एक जरिया है जो राष्ट्रवाद की शिक्षा का प्रसार काश्मीरी मन तक पहुँचाने में सहायक बन सकती है...

जय हिन्द

©अरुण

rajpurohit-arun.blogspot.com

🐺🐺🐺🐺🐺 वो ठरकी ♠♠♠♠♠


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""" लाइट....साउंड... रोल कैमरा.... एंड एक्शन...."""

"हाय -हेल्लो -सलाम -नमस्कार- सत श्री अकाल -आदाब - केम छो ...मैं हूँ आपका होस्ट न दोस्त अरुण...और आप देख रहे हैं आपका मोस्ट फेव...रेट प्रोग्राम ...जिसका नाम है ...ठरकीईईई बकराआआआ लाइव ....जी हाँ ठरकी बकरा , इस प्रोग्राम में हम किसी ठरकी का पीछा करेंगे और देखेंगे की वो क्या क्या करता है....यू नो समथिंग लाइक टू एक्सपोज़ द स्टुपिड मेंटेलिटी.....हर रोज की तरह ...आज भी ...हमारे साथ हैं ....अजीत .....जो रोज हमारे लिए ऐसे लाइव ठरकी ढूंढ ढूंढ के लाते हैं ...जो रेडी होंगे.. अपने आज के टारगेट बकरे के साथ...नेक्स्ट इज़...ओवर टू यू अजीत..."

'थैंक्स अरुण....और नमस्कार दोस्तों...जैसा की अभी अभी अरुण ने बोला...आज हम फिर से एक ठरकी को ढूंढ लाए हैं...तो फिर देर किस बात की निकल पड़ते हैं हम इस मजेदार सफर पर...मेरे साथ हैं मेरे सहयोगी कैमरामैन गौरव ...जो आपको आज के ठरकी 'छोटे लाल' से मिलवाएंगे .....जी हाँ दोस्तो यही है वो...गिरगिट की तरह इनकी आँखे भी 180° एंगल तक घूम सकती हैं तो ..इनकी नाक देखने में भले ही पकोड़े जैसी लगे पर है बहुत तेज, अपने इन्ही गॉड गिफ्टेड के साथ ये मोहल्ले में आने जाने वाली हर छोटी बड़ी लड़की को ताड़ते पाए गये हैं... आपको लगता होगा शायद इसके 5 फुट के कद की वजह से ही इसे छोटे नाम मिला हो..पर नहीं...अगर आप ये सोच रहे हैं तो गलत सोच रहे हैं.. ये महाशय अपने घर में सबसे छोटे हैं ... आपको हंसी आ रही होगी ...राईट.? हंसिए पर सुनिए...ये चालीस साल का छोटा सा बच्चा वाकई छोटा ही है सबसे...कम से कम अपने घर में तो है ही....हाहाहा....जोक्स अपार्ट... आप सोच रहे होंगे की हमने इनको कैसे ढूंढा..? अजी ठरकी ढूंढने नही पड़ते..मिल जाते हैं खुद ब खुद... और समझिए की ये भी मिल ही गए हमको... इनके पास भी शशि कपूर साहब की तरह बस ...माँ है...सुना है की दो बहने भी थी एक खुद भाग गई दूसरी को कोई और भगा ले गया.. बचे बेचारे छोटे ...तो इनकी भी शायद कुछ ऐसी ही तमन्ना है.... इसी तमन्ना के मारे ये बेचारे ठरकी अंकल ..अपना मोठ का ठेला गर्ल्स स्कूल के गेट के पास लगाते हैं... और कुछ नहीं तो छोटी बड़ी, मोटी पतली, लम्बी नाटी, गोरी काली...खूबसूरत बदसूरत नहीं कहूँगा..क्योंकि इन्हें सब खूबसूरत ही लगती है और ये सबको एक ही नज़र से देखते हैं...हाँ तो हर तरह की लड़कियों के दर्शन का असीम सुख प्राप्त करते हैं ..पर ये क्या आज ये ठेला नहीं लगा रहे ? चेहरे पर मासूमियत का नकाब ओढ़े आज ये जा कहाँ रहे हैं...मेरे सहयोगी गौरव से मेरा अनुरोध की एक पल भी कैमरा की नज़र से इन्हें ओझल न होने दे...'

'बात चाहे फिल्मों की हो या असल जिंदगी की ,हकीकत यही है कि जो दिखता है वही बिकता है ... और लड़कियों की बात हो तो ......नेचर ने उन्हें इतना कोमल इतना मासूम और इतना खूबसूरत बनाया है कि कुछ अच्छे के अलावा इनके साथ कुछ जमेगा भी नहीं ...40 साल खा लिए पर इनको अब तक इतना भी समझ नहीं आया सिर्फ ताड़ने से कुछ नहीं होता कोई आपको भी देखे उसके लिए आपको देखने लायक बनना पड़ता है....ब्रांडेड कपड़े, गॉगल्स, वॉचेज, और भरा हुआ वॉलेट तो जरूरी है ही एक स्पेशल तरीके से ट्रीट करना भी आना ही चाहिए....लेकिन इन्हें कौन समझाए.... देखिए तो सर पर सरसो के तेल से चुपड़े बाल हैं जिसके बीचों बीच चंद्रमा निहारने लगा है तो पैरों में रेलेक्सो हवाई चप्पल...यूँ कहैं की हद ही समझ लीजिए बदसूरती की...अरे और नहीं तो कम से शर्ट को अंडर सेट ही कर लेते ...कुछ तो अच्छा लुक आता......  अरे अरे ये तो बस में सवार हो रहे...देर किस बात की हम भी वही चलते हैं ....ओहो...देखिए तो डबल सीट रोक रखी है पट्ठे ने.....मैं बताता चलूँ की ये ठरकी लोगो की खासियत है वो कभी उम्मीद नहीं छोड़ते , जरूर अपने सफर  को रंगीन बनाने के लिए इन्होंने ये किया है...जैसे ही कोई कन्या सवार होगी , बहुत जेन्टलमेंशिप दिखाते हुए उसे सीट ऑफर करेंगे....फिर पूरे रास्ते... यू नो...अहसान का फायदा उठाने की कोशिश होगी.... वो न भी हो तो भी स्पर्श सुख तो मिलेगा ही....दिज ठरकीज आर जस्ट ए ठरकी इन एव्री मेन्नर...हाहाहा... ओह शिट... बेचारे ठरकी का बैडलक....लड़की चढ़ी थी पर उसके पास नहीं बैठी...उसके पास बैठने से खड़े रहना ज्यादा बेटर ऑप्शन लगा है मोहतरमा को, वैरी गुड, लड़कियों के सेंसर्स का तो क्या कहना...झट से पहचान जाती हैं की किसकी नज़र में क्या है........छोटे लाल की आँखों में भूख और हवस साफ देखी जा सकती है .... .....अहा....देखिए वही हुआ जिसका आपको और हमको पहले से पता था.....छोटे लाल ने अपनी सीट एक बुजुर्ग दम्पत्ति को दे डाली, खुद खड़े हो गए..... कहा था न दिज ठरकीज आर जस्ट ए ठरकी इन एव्री मेन्नर...  आपको क्या लगता है ये क्यों खड़ा हुआ है.... दया..? माय फुट...वो ही स्पर्श सुख पाने के चक्कर में...अब ये धीरे धीरे लड़की के करीब जाएगा...... कितना करीब पहुंचेगा ये हम देखेंगे एक इकलौते छोटे से ब्रेक के बाद.... कहीं मत जाइयेगा ....मिलते हैं बस इत्तु सी देर में....तब तक के लिए स्टे ट्यून स्टे कनेक्टेड ...

'घने मुलायम काले बाल खिले खिले मतवाले बाल...."

'स्टे फ्री...ये एक्स्ट्रा सोखता है '

'मेरी त्वचा से तो मेरी उम्र का पता ही नही चलता.."

'प्रेग्ना न्यूज़...खुशियों की खबर...'

'किस मी क्लोज योर आइज, मिस मी क्लोज योर आइज..'

'लक्स....मेरी खूबसूरती का राज..'

'हाय हैंडसम हाय हैंडसम..'

'कोहिनूर चॉकलेट फ़्लेवर...'

'टीटी अंडर गारमेंट्स...फिट है बॉस..'

'ब्रेक के बाद फिर से आपका स्वागत है.... हम है अजीत और आप देख रहे हैं ठरकीईईई बकरआ ....आपको बताता चलूँ की हमारे आज के बकरे छोटे की उम्मीदों पर फिर से पानी पड़ गया... इससे पहले की छोटे कुछ करीब जा कर अपनी दमित इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करते ...लड़की बस से उतर गई... छोटे अपनी काइयाँ नजरे बाहर दौड़ा रहे हैं....चेहरे पर थोड़ी उदासी जैसा कुछ है...होगा ही...हवस जो पूरी नहीं हो पाई.... बस रुक गई...छोटे के साथ हम भी नीचे उतर गए...... छोटे सुखाड़िया सर्किल के चौराहे पर खड़ा है....चिंता मत कीजिए हम इन पर पूरी नजरें गड़ाए हुए हैं....ओहो तो ये बात थी.....छोटे एक ऑटो में सवार हो चुके हैं....हम अपनी ओवी वैन के साथ इनके पीछे हैं  ...और जैसा की हम देख पा रहे है ऑटो में कोई कन्या भी सवार थी पहले से...छोटे को देख कर वो एक कोने में दुबक गई है...पहचान गई वो झट से, हमारी तरह, की ये खड़ूस ठरकी है,...उपेक्षित सी नज़र डाली होगी की हट बे ठरकी........छोटे समझ चुके है की यहां भी इनकी कोई दाल नहीं गलने वाली...इसलिए बाहर झाँक रहे हैं चुपचाप...ऑटो रुक गया.....छोटे नीचे उतरे....लेकिन...? हॉस्पिटल..?.क्यूँ ?'

"सॉरी टू इंट्रप्ट यू अजीत, जैसा की हम देख प् रहे हैं की ये ठरकी हॉस्पिटल आया है...पर ये तो भला चंगा लग रहा है....क्या लगता है यहां क्यों आया होगा.....? क्या इनके किसी कांड की कोई भुगतभोगी एडमिट है यहाँ ? आई इंसिस्ट....अजीत पता करो ई चक्कर क्या है..."

'ओके अरुण, मैं उसी से पता करने की कोशिश करता हूँ......हियर आई गो.......

'एक्सक्यूज़ मी, हाँ जी आप...आप से ही बात करनी है...'

'हैं जी...मुझसे...?'

'हाँ आप छोटे लाल जी हो ना.... बहुत सुना है आपके बारे में...आप यहाँ कैसे...आप ठीक तो हो ...मशीन वशिन सब ठीक से काम कर रही है न आपकी...क्या चेक करवाने आए हो..?'

'बाबूजी माँ बीमार है, दुइनो गुर्दा फेल हुई गवा , डॉक्टर बोला तुम्हार गुर्दा लग जाई तो बच जाई, ओहि खातिर आए रहे.....'

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सम्पर्क टूट गया ,शायद

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कैमरा मेन गौरव , अजीत की ठुकाई कर रहे हैं....  अरुण को पेट भर भर के गालियाँ निकालते हुए...कमीनों भाड़ में गया तुम्हारा टुच्चा शो....बीप बीप बीप
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#जयश्रीकृष्ण

©अरुण

🚫🚫🚫🚫🚫 तेरे नाम से शुरू, तेरे नाम पे खत्म / झुमरू ...अंतिम भाग ♠♠♠♠♠ .


"कम ऑन यार, अब इतना भी शक्की नही होना चाहिए , वैसे भी वो मेरे बारे में जानता ही क्या है...?"

"एग्जेक्टली..मैं भी वही कह रही हूँ, तू भी तो कहाँ कुछ जानती है उसके बारे में...पता नही कौन है, सो इट वुड बी बेटर टू कीप डिस्टेंस फ्रॉम सच फुलिश फेल्लोज... पता नही क्यों तू उसके लिए हलकान हुई जा रही.."

"नॉट अगेन यार, अब मैं कोई बच्ची थोड़े न हूँ, उसके पास मेरा नम्बर तक नही है, एक्चुअली उसने कभी माँगा ही नहीं....दैट्स द् थिंग आई लाइक हिम , वो अलग है सच में ...कभी कोई डिमांड नहीं सिवा इसके की उससे बात करो... और उसमे बुराई क्या है...एंड ..इवन आई आल्सो लव टू टॉक विद हिम .."

"अच्छा है अगर नम्बर नही दिया तो, मेरी मानो तो कभी देना भी मत...नम्बर नही दिया तब भी इतना पका रहा है..बाद में पता नहीं क्या करेगा...और सुन तुझे पता नही लगता पर तू भी उसके जैसी पकाऊ होती जा रही है ...कल भी आधा घण्टा बोर के गई हूँ तेरे घर से... मैं यहाँ तुझसे मिलने आती हूँ उसकी बोरिंग चैट सुनने नहीं..समझी"

"नाराज क्यों होती हो, अच्छा तुझे नही पसन्द तो अब से उसकी बात नही करूंगी तुझसे..ओके खुश ....जानी ... तेरे लिए तो हम कुछ भी कर जाएंगे, बोले तो सु- सु- सु- सुसाइड कर के दिखाऊँ, तू रुक मैं वाश रूम हो के आती हूँ... सु सु एट  साइड...हाहाहा"

"दिमाग खराब हो गया है तेरा सच में, कहा था न.. 😬😬😬😬😬😬😬 तू उसके जैसी पकाऊ होती जा रही है...पहले दस बार बुलाने पे बोलती थी अब चुप करने के लिए दस बार बोलना पड़ता है.....शर्म तो बेच खाई लगता है.....सुधर जा ..सुधर जा....तेरा ही फायदा है...."

"हेहेहे, क्या यार अदिती, अब तुझसे भी मजाक न करूँ जानेमन ? जिंदगी झंड हो जाएगी तब तो...ऊप्स...आँखे मत दिखा यार..आती हूँ रुक.."

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'अच्छा बोलो मेमसाब किधर जाओगे रामगढ के शामगढ़...बैठो तांगे पे, रामगढ का एक रुपया शामगढ़ का दो रुपया...आप सोचोगे के रामगढ और शामगढ़ की दुरी एक ही जितनी है फिर रामगढ का 1 और शामगढ़ का 2 रुपया क्यों, यूँ की अब पूछने वाली बात ये है की तांगा कहाँ का है...पूछो पूछो..?'

"नहीं पूछना मुझे कुछ भी, जब देखो तब बक-बक बक-बक, थकते नही तुम इतना बोल बोल के"

'कहाँ बोलता हूँ यार, वो तो मेरी उँगलियाँ बोलती है...हाहाहा ;)'

"चुप रहो, घर में भी इतना ही बोलते हो ? सब कितने परेशान हो जाते होंगे तुमसे, मुझे तो उन बेचारों पर तरस आता है बाय गॉड"

'हाँ मुझे भी...'

"तुमको क्यूँ?"

'वो बस ऐसे ही....तुम भी कहाँ मेरी बातों पर सीरियस हो रही हो'

"येस राईट ..तुम तो हो ही पागल...और पागलो की बात लो सीरियस नही लेना चाहिए हेहेहे"

'हाँ अब सही जा रही हो...एक बात बोलूँ..?'

'तुम हँसते हुए भोत अच्छी लगती होगी, हैं ना ? तुम यकीन नहीं करोगी पर मैं तुम्हारी खिलखिलाहट सुन पाता हूँ सच में..'

"अच्छा जी, अब बोलोगे की काश सच में भी सुन पाता , है ना .."

'हाँ...पर'

"कोई पर वर नहीं नम्बर तो भूल कर भी मत मांगना.."

'नहीं मांग रहा यार...सच में...😢'

"ओह कम ऑन यार , ये सैडी सैडी शक्लें मत बनाओ अब तुम, और ये तुमको सूट भी नहीं करता "

'हेहे अच्छा तुमको बड़ा पता है मेरे बारे में..?'

"हाँ ज्यादा नही पर थोड़ा तो जानने ही लगी हूँ तुमको"

'अच्छा क्या क्या जानने लगी हो बताना जरा...?'

"और कुछ नही बस इतना ही..कि तुम पागल हो..हाहाहा"

'हेहेहे सही जवाब...आपको मिलता है..आपकी ढेर सारी जुओं के लिए डिनर सेट....बोलो कब भिजवाऊं'

"चुप रहो, तुम्हारे ही होंगी जुएँ, मेरे बाल बहुत खूबसूरत हैं और मेरे कभी जुएँ नही पड़ती समझे , खुद का एक्सपीरियंस याद आ रहा होगा तुमको डफर.."

'अपने तो चांस ही नही ,सर पर पड़ोसी की जूं भी आ जाए तो फिसल के धरती माता को प्रणाम करने लगेगी, आई एम् पैदायशी टकलू डार्लिंग'

"हाहाहा.....यू आर मेड..सच में पागल हो.."

'प्यार चीज ही ऐसी है, स्वीटी, अच्छे भले इंसान का भेजा खराब खराब कर देता है....'

"चुप रहो तुम, कुछ भी बोलते हो.....ज्यादा बकवास की तो सीधा ब्लॉक कर दूँगी"

'ओके पर कसम है तुम्हे चुन्नू की अम्मा, बस अपने दिल में ब्लॉक करना....'

"पागल पागल पागल......पागल हो तुम....हटो, मुझे जाना है, बाय"

'हटो तो यूँ बोल के जा रही है जैसे सच में .....बाँहो के दरमियाँ, दो प्यार खिल रहे थे.....हीहीही'

"हुँह, बाय बाय घोंचू"

'ओके लव यू टू.. दिलबरा'

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तन्मय आज भी ऑनलाइन नही आया...पर ऐसा कैसे हो सकता है ...वो तो बोलता था की मैं 24 में से 26 घण्टे ऑनलाइन रहता हूँ , इवन मुझे ही वक़्त नहीं मिलता था उससे बात करने का...इतने महीनों में ऐसा एक बार भी नही किया उसने....पिछले 4 दिन से ऑफलाइन है...क्या करूँ....पर मैं उसके बारे में सोच ही क्यों रही हूँ...ना आए तो ना आए मेरी बला से....मुझे क्या फर्क पड़ता है....पर यार क्या मैं इतनी बुरी हूँ जो अपने ईगो के चलते उसे एक मैसेज तक न करूँ....पर करूँ भी किसको...4 दिन पहले का ऑनलाइन शो हो रहा है...क्या फायदा...करने का भी......अरे नही...जब वो आएगा तो उसको कितना अच्छा लगेगा ..हाँ..

"ओये डफर..ज़िंदा तो हो न..."

"मुझे लगा लुढ़क गये"😂😂😂

"हे सॉरी यार..."

"नाराज़ हो क्या मुझसे"

"हे तन्मय....आई रियली मिसिंग यु बड्डी 😢"

"यार तुम तो ऐसे कभी न थे...कितने दिन हो गये पता भी है..."

"मेरी ही गलती है यार...पता नहीं क्यूँ.... सब मेरी ही गलती है...मैंने ही कुछ गलत बोला होगा तुमको..."

"कुछ गलत बोल दिया हो तो सॉरी यार"

"अब तो चले आओ....एक महीना होने को आया यार...यूँ ही दिलबरा बोलते रहते थे? ऐसे कौन करता है अपनी दिलबरा के साथ... हँसते हँसाते रुलाने क्यों लग गये यार"

"तुम बहुत बुरे हो...देखो मैं भी तुमसे कभी बात नहीं करूंगी.."

2 महीने गुजर गए न तन्मय ऑनलाइन आया और न ही उसका कोई जवाब , आस्था बहुत मिस करती थी इस पागल को...दिल के किसी कोने से आवाज आती...सब ठीक नहीं है ..कुछ बहुत बुरा हुआ है शायद....एक दिन बैठे बैठे उसका प्रोफाइल खंगाला ..संचित बंसल ....कहीं ये संचु तो नहीं..? पता नहीं...पर...कभी किसी अनजान को रिप्लाई करने से पहले हजार बार सोचने वाली आस्था ने आखिर संचित को मैसेज भेजने की हिम्मत कर ही डाली... कुछ देर में उधर से रिप्लाई भी आया...

'हूज दिस...?'

"आई एम तनु'ज फ्रेंड...डू यू नो व्हेयर ही इज..."

'वेट...यू आर दैट आशु राईट..'

"यस ..आई एम.. नाउ प्लीज टेल.."

'आई हेव नथिंग टू टेल यू आस्था, वेट लेट मी शो यू समथिंग....'

संचित ने कुछ तस्वीरें उसे भेजी, पहली जिसमे एक मासूम सा दिखने वाला लड़का एक शरारती मुस्कान दिखा रहा था, फिर कुछ और जिसमे वही लड़का किसी हॉस्पिटल में एक बेड पर अचेत लेटा था...नाक में ऑक्सिज़ेन पाइप लगी थी ...पर अब भी मुस्कान मानो जबर्दस्ती अपनी जगह बनाए हुए थी..

'ये है तनु..'

"ओह गॉश ये सब क्या है...क्या हुआ उसे.."

'ही इज नो मोर डिअर... वो अब इस दुनिया में नहीं है...गले का केंसर था उसे ...एक साल से ज्यादा हुआ..आवाज़ चली गई...बहुत बातूनी था...चुप कैसे रहता...और कुछ नहीं मिला तो सोशल साइट पर शुरू हो गया...6 महीने से यहीं था... हॉस्पिटल में बैठे बैठे लोगों को पकाता रहता ...खुश रहने की कोशिश करता.. .. तुम्हारे बारे में भी बताता था हमको..की कैसे तुम्हे परेशान करता है... न जाने तुम उसे क्या समझती होगी ..पर वो बस ख़ुशी तलाशता था तुम से भी... उसने कहा था की अगर तुम कभी उसके बारे में पूछो तो ही कहूँ...खुश रहना यार बस'

आस्था को सहसा यकीन ही नहीं हुआ...ऐसा कैसे हो सकता है,....फोन हाथ से छूट कर गिर पड़ा, मन हुआ की खूब ज़ोर से फफक फफक कर रो पड़े अभी, बकबक करके से बातों में लीन करने वाला चिर निद्रा में लीन हो गया था चुपचाप...😢
....
अब भी आस्था तन्मय को याद करती है, जब भी उसकी बातें याद आती है होंठो पर आई मुस्कान के साथ चुपके से एक छोटा सा आंसू भी आँखों में तैर ही जाता है, पर रोती नहीं क्योंकि उसे किसी महान इंसान ने बोला था कि खुश रह कर ज़िन्दगी सँवारो डार्लिंग, झंड तो ये खुद बा खुद हो जाती है. अपनी कोई भी तकलीफ अब तकलीफ जैसी लगती ही नहीं....तकलीफ को लात मार के जीने का सबक जो सीख लिया उसने.

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#जयश्रीकृष्ण

©अरुण

😜😜😜😜😜 क्रेक जेक 50-50/ झुमरू ...पार्ट 2 ♠♠♠♠♠ .


'अजी सुनती हो ? दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे'
.......
'लाइट जलिंग मतलब ऑनलाइन होइंग बट नो रिप्लाइंग ,मने सरेआम बेज्जती, खैर वो तो कोई नई बात है नहीं, ए सुनो  सुन रही हो ना, नही सुन रही ? देखो बात करो न मुझसे...... नहीं कर रही ?"
........
'अमा दिल तोड़ रही हो चुन्नू की माँ ?'
........
'हाए वे रब्ब जी अब मैं कहाँ जाऊँ ये टुटा हुआ दिल लेकर , चल बेटा तन्मय बहुत लीन हो लिया, ये नहीं सुनने की'
........
'पर कहाँ जाऊँ ? जाऊँ कहाँ बता ए दिल दुनिया बड़ी है संगदिल.....चुप बे सैड सांग के सगे वाले...जब देखो गाना बजता रहता है खोपड़ी में.....पर ये बात ही नही कर रही तो क्या करूँ.....क्या करूँ क्या करूँ.......आईडिया....एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया....वाह ये हुई न बात.....तुम क्या सोचती हो एक कागज पे टुच्ची सी मोहर नही लगेगी तो तारा पाकिस्तान नहीं जाएगा...? आई मीन तुमको क्या लगता है तुम मुझसे बात नहीं करोगी तो मैं बात करना बन्द कर दूंगा ...? ओजी मैं तो अकेले में दीवारों से बात करके टाइमपास करने वाला बंदा हूँ , अब तन्मय का तन , मन से बात करेगा अभी के अभी...हाँ तुम वही कंटिन्यू करो जो कर रही हो.....बड़ी आई'
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'@ हाँ तो भैये तन का हाल चाल बा'
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'@ बिलकुल झक्कास मन भाई'
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'@तन ,बहुत दिन बाद दिखाई दिए यार'
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'@मन, झूठ नही पार्टनर, झूठ नही, जग से कोई भाग ले चाहे मन से भाग न पाए ....मैं दिखता नहीं और हमेशा होता हूँ '
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'@तन , देख अब ये फिलोसोफी झाड़ के दिमाग मत खराब कर मेरा...'
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'@मन, क्यों क्या हुआ...'
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'@तन, अभी तो बोल रहे थे की सब पता है, जब सब पता है तो पूछ क्यों रहे हो झोपडी के...'
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'@मन, अरे पता तो भगवान जी को भी सब रहता है, पर फिर भी पुकार लगानी पड़ती है कि नहीं...'
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'@तन , पॉइंट है तो तेरी बात में, चल छोड़ इसे ये बता कि ये मैडम मेमसाब तुमको कैसी लगती है...'
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'@मन , ओहो अपनी बात मेरे मुंह से सुनना चाहते हो हाँ ....हमसे चालाकी ..'
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@तन, बोल न यार...'
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'@मन, सुन प्यारेलाल, अपने को तो सब अच्छी ही लगती है , इस दुनिया में बुरा सिर्फ नजरिया होता है और कुछ भी नही, खूबसूरती देखने की नजर हो तो धारावी की झोपड़ पट्टी होंगकांग से ज्यादा खूबसूरत लगेगी..,जिसे दोष ही निकालने हो वो तो सीता माता में भी खोज लेगा .'
..
'@तन...अबे ओये , पका मत समझा... बोला था ये फिलोसोफी किसी और के सामने झाड़ना'
..
'@मन, अब मुझसे तुम बुलवाना क्या चाह रहे वो बताओ...अच्छा सुनो इस मैडम को बोल देना की हमको इससे बात करना पसन्द है, और हाँ थैंक्यू भी बोलना, बड़े वाला, कहना मन ने बोला है मन से.. :)'
..
'@तन , अच्छा तो ये बात है... जुम्मा जुम्मा चार रोज हुए है तुझे इनसे बतियाते हुए....और.....चलो...तुम भी क्या याद करोगे बोल देंगे यार...पर घण्टा बोल देंगे, किससे बोल देंगे, जिससे बोलना है वो तो बत्ती जला के न जाने किस अँधेरे में घूम रही'
......
.........और  वो आ गई जिसका इंतज़ार  था......

" हाहाहा Lolzzzz  ये सब क्या है......तुम सचमुच पागल हो ..."

'भगवान तेरे घर देर तो है, अंधेर भी है यही मान लेता सच में अगर आज ये मुझसे बात न करती तो.....यार तुम ऑनलाइन थी पर मुझसे बात नही कर रही थी तो और क्या करता बताओ?'

"क्यों कुछ और काम नहीं है...अच्छा तुम करते क्या हो"

'कुछ नहीं मैं बस बातें करता हूँ , कुछ हैं जो कहते हैं की बड़ी प्यारी बाते करता हूँ पर सच्ची बोलूं, अंदर की बात है किसी को बताना नहीं, मैं प्यारी नहीं ढेर सारी बातें करता हूँ, और मुझे कोई न कोई चाहिए होता है जो मुझसे बात करे....और कुछ नहीं चाहिए यार कुछ भी नही...'

"तुम सच में अज़ीब हो , बहुत अलग हो, सच कहूँ तो तुम्हारी ज्यादातर बातें मेरे पल्ले ही नहीं पड़ती, अच्छा मुझसे कुछ नही पूछोगे ?"
'नहीं, कुछ नहीं पूछना'

"क्यों, तुम मेरे बारे में कुछ नहीं जानना चाहते ?"
'चाहता हूँ, अच्छा बताओ'

"क्या बताऊँ?"

'वो जो तुम्हे बता कर और मुझे सुनकर ख़ुशी मिले, कुछ भी ऐसा जो तुम नहीं बताना चाहती, प्लीज मत ही बताना..'

"क्या यार, ऐसे कोई कैसे कुछ बताएगा, अच्छा सुनो, मेरा नाम वही है जो प्रोफाइल पर लिखा है, घर पर सब आशु बोलते हैं"

'हाहाहा ये तो हद ही हो गई, पता है मुझे घर पर तनु बोलते हैं मने लड़कियों वाला नाम और तुम लौंडो वाला आशु नाम लिए घूम रही हो,हाहाहा चल हाथ मिला यारा, हमारी खूब जमेगी'

"कुछ भी हाँ.....?"

'ओके सॉरी सॉरी.....😂😂😂😂'

"जाओ मैं नही कुछ बताती"

'हे भगवान मैं इसे कैसे समझाऊं के जब ये गुस्सा होती है मुझे ज्यादा वाला प्यार आता है इस पर...😂😂😂😂😂😂'

"तुम कितने फ्लर्टी हो यार"

'फ्लर्ट? ओजी ना, इसक है सच्चे वाला...दुनिया में जितने भी आशिक हुए हैं पता है इनको इंस्पिरेशन कहाँ से मिली थी?'

"कहाँ से?"

'बताओ, पूछने को नही बोला....'

"मुझे नही पता , तुम ही बताओ.."

'ऑफकोर्स मुझसे और किससे... हाहाहा'

"अब तुम पकाना मत शुरू करो ओके..बड़े आए..अच्छा ये तो बताओ तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड कौन है"

'अभी तो तुम ही हो, क्योंकि तुम मुझसे बात कर रही हो, वैसे है एक नमूना और भी ....संचित,,,संचु बोलता हूँ मैं उसको'

....................और वो बोलता गया बोलता गया..लगातार बिना रुके बिना थमे अपनी कभी न खत्म होने वाली बातो के साथ तन्मय, वाकई उसे लीन कर डालता, आस्था एक 19 वर्षीय मॉर्डन लड़की थी, हमेशा तहजीब और तमीज से बात करना सीखा था, कुछ भी बोलने से पहले 100 बार सोचने वाली , पर बिना विचारे कुछ भी बोलने वाला ऐसा कोई कार्टून पहली बार  एक्सपीरियंस कर रही थी.. इतना अनाड़ी, इतना बेवकूफ और इतना भोला कोई कैसे हो सकता है..? उससे बात करके बिल्कुल अलग अनुभव होता, लगता जैसे कोई मजेदार नौटंकी चल रही है और वो खुद भी उसका हिस्सा है...

क्रमशः .........

#जयश्रीकृष्ण

©अरुण

Rajpurohit-arun.blogspot.com

😂😂😂😂😂 झुम-झुम झुम-झुम झुमरू

♠♠♠♠♠
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'हेल्लो हेल्लो कोई है.......'
'ओ हेल्लो , वन टू थ्री हेल्लो वन टू थ्री ......अल्फ़ा टू डेल्टा अल्फ़ा टू डेल्टा.....कोई सुन रहा है...?'
' कमाल है यार लोग फोन हाथ में लेके सो क्यों जाते हैं.....ओजी याद में तेरी जाग जाग के हम रात भर करवटें बदलते हैं......'
'अजी म् केया घरे ई ओं मालको...'
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"???????"

'यू नो, आज इत्ते दिन में पहली बार रिप्लाई किया है आपने, पता भी है लेट रिप्लाई करना कितना बड़ा क्राइम है...? गरीब की हाय से न सही पर भगवान से तो डरो'

"माय फुट, यु आर मेड और व्हाट..? डोंट यू अंडरस्टैंड...आई एम् नॉट इंट्रेस्टड इन टॉकिंग विद् यू"

'ओजी इंटरेस्ट का की है आज नहीं है कल हो भी सकता है, परसों फिर से नही होगा...पर हम ये कल परसो के चक्कर में अपना आज क्यों खोएं ? समझ नही आया न..? एक्चुअली मुझे भी नही आया..😂😂😂😂.पता है पहले मुझे कद्दू की सब्ज़ी बड़ी बकवास लगती थी, पर आजकल गपागप खा जाता हूँ वो भी कटोरा भर के...क्या समझे..?'

"कुछ भी नहीं समझी मैं और कुछ समझना भी नहीं चाहती , आप अपनी कद्दू की सब्ज़ी का कटोरा उठाओ और निकलो इधर से, पता नहीं कहाँ कहाँ से चले आते हैं मुंह उठा के..."

'हाय ओ रब्बा, इन्नी बेज्जती, वैसे हिसाब से तो आपके इस बेज्जती वाले डायलॉग पर मेरा सुसाइड करना बनता था पर हम बंदे जरा दूजी किस्म के हैं... और मैं मर गया तो मेरे घरवालों का क्या होगा , है के नई...?'

"यार क्यूँ पका रहे हो, कसम से सर दर्द करने लगा है मेरा..."

'यूँ की अब आप मुझे दफा हो जा बोल रहे हो...?'

"यस फाइनली यू गॉट इट"

'वो तो ठीक है पर आपने मेरी बकरी के आगे ईंट क्यों रखी है, देखो हमारी बकरी थोड़ा नाजुक मिजाज की है, उसको लग वग गई ना तो तलवारे चल जाएंगी तलवारें...'

"????????....कौनसी बकरी कौनसी ईंट, बोला न की सर मत खाओ..."

'अरे अभी अभी तो ...बुजुर्गों ने ......फरमाया...की अपने पैरों के ऊपर........हे भगवान ये मेरे गाने भी न जब देखो बिना बताए चल जाते है ,...छोडो वो आपने ही तो बोला की यू गॉट इट... यू मने तुम यानि मैं गॉट मतलब बकरी और इट तो ईंट ही होती है, माना की अंग्रेजी नहीं आती पर इतना भी बुरा नहीं हूँ मैं दसवीं में पुरे 44 नम्बर आए थे अंग्रेजी में...😂😂😂😂😂😂😂  आप किसी को बताओ नहीं तो एक बात बोलूं , वो क्या है न की उस 44 में से 3 नम्बर की नकल मारी थी मैंने....😂😂😂😂 '

"यू नो, तुम सच में पागल हो..."

'हाँ जी आप भी बोल लो , पर उसमे गलत ही क्या है, सब के सब पागल हैं बस मेरी तरह ढीठ बनके मानता कोई कोई ही है....कोई बिजनेस के लिए पागल है तो कोई पैसे के लिए, कोई लड़का/लड़की के लिए पागल है तो कोई सत्ता के लिए, कोई नशे के लिए पागल है....मेरा क्या है मैं तो पागलपन के लिए पागल हूँ, वैसे आप ने बहुत समझदारी ट्राई की है न.... कभी मेरी तरह पागलपन ट्राई करो ...बाय गॉड की कसम बहुत मज़ा आएगा...'

"हाहाहा अच्छा....? हम्म तो तुम कभी कभी समझदार भी हो जाते हो हाँ....सुनो, तुम जो भी हो....अभी के लिए इतना काफी है,,,वरना मैं सच में पागल हो जाऊँगी... तुम हो क्या यार....कहाँ से आए हो क्यूँ आए हो....पर जो भी हो जहाँ से भी आए हो कभी खुद को बदलना नहीं, जैसे भी हो बहुत अच्छे हो.... एंड वन मोर थिंग...आई लाइक योर पागलपंती...बाय फॉर नाउ"

'हंसते हंसते कट जाएं रस्ते,
ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहे,
ख़ुशी मिले या गम बदलेंगे ना हम,
दुनिया चाहे बदलती रहे......बाय बाय दिलबरा.....'

***

'अजी चुन्नू की माँ सुनती हो...? हे म्हारा राम जी कहाँ चली जाती है ये छोरी भी, ओजी लाइट जल रही आपके कमरे में...'

"कोनसी लाइट ? और ये चुन्नू की माँ का क्या मतलब....कौन चुन्नू ...और यहां उसकी माँ कौन है बताना जरा....?😬"

'ओ तेरी गुस्सा ? बताता हूँ यारा...पर उससे पहले.....श्री श्री 1008 श्री धर्मेंद्र जी महाराज ने फरमाया है की ' कोई हसीना जब रूठ जा ती है तो, है तो और भी हसीन हो जाती है...., उसके आगे स्टेशन गाड़ी और भी कुछ है पर वो याद नहीं आ रहा...हाँ तो हम कहाँ थे...मेरा मतलब तुम कुछ पूछ रही थी ना..ऊप्स आपको तुम बोला...हे भगवान इसके लिए मुझे नर्क में भी जगह मत देना...मुझे इसी के साथ स्वर्ग में रखना, नरक इसको सूट नहीं करेगा और अकेले में मेरा मन नहीं लगेगा....😂😂😂😂😂😂, वैसे लाइट से मेरा मतलब उस ग्रीन बत्ती से था जो तुम्हारे नाम के साथ जल रही है...😊

"हाहाहा ओ माय गॉश, किधर की बातें किधर ले जाते हो, बातें न बनाओ, बताओ ये चुन्नू का क्या चक्कर है....?"

'अरे वो कुछ भी नही, मेरा जब बेटा होगा तो उसका नाम मैं चुन्नू रखूंगा...तुम्हे कोई एतराज़ तो नहीं....?'

"मुझे क्यों एतराज़ होने लगा , तुम चाहे चुन्नू रखना मुन्नू रखना या कुछ भी रखना तुम जानो, मुझे उससे क्या.."

'सच में ? पक्का तुम्हे कोई प्रॉब्लम नहीं ना? देखो फिर मुझे बाद में चिक चिक नही चाहिए...और सुनो चुन्नू को मैं हिंदी मीडियम में पढ़ाऊंगा, फिर ये सुनने को मिला न की चुन्नू को इंग्लिश मीडियम में भेजो अगेरा वगैरा.. तो यू जानती न की मुझसे बुरा तो यूँ भी इस पृथ्वी लोक में कोई नहीं है...'

"तुम पागल हो , कुछ भी बोलते हो....मुझे तुमसे या तुम्हारे उस होने वाले चुन्नू से क्या लेना देना...हिंदी पढ़ाओ या मराठी मुझे क्या...."

'हे भगवान कैसी माँ है ये, बच्चे की जरा भी परवाह नहीं, देखो तो '

"ओ हेल्लो, क्या था ये , फोन में घुस के चमाट लगाउंगी ओके"

'तब तो बहुत बुरा लगेगा न, सब कहेंगे लुगाई से मार खा ली, अच्छा ठीक है तुम जीती फिर से, मैं हारा'

"यार तुम चीज क्या हो आखिर, कुछ समझ नहीं आता, कुछ भी बोलने लगते हो और सुनो ये प्रोफाइल पर क्या बना रखा है , कब से फालतू की बकबक किए जा रहे हो, अपने बारे में बताओ कुछ"

'मेरे बारे में , अम्म्म क्या बताऊं यार , एक्चुअली बताने जैसा कुछ है भी नहीं, मैं तन्मय हूँ बोले तो 'लीन', अभी तुमसे बातों कम शरारतों में लीन हूँ , छोटे शहर से हूँ, छोटा सा नाम, छोटे छोटे सपने , छोटी छोटी उम्मीदें और तो और बातें भी बड़ी बड़ी करनी नही आती , इत्ती बार छोटा बोला है लग रहा जैसे अब तुम मेरा नाम छुट्टन रखने वाली हो 😂😂😂😂😂'

"यू आर जस्ट टू मच😂😂😂😂😂, हेव टू गो नाउ....सी या..."

क्रमशः

#जयश्रीकृष्ण

(फेसबुक पर धारावाहिक कथाओं का दौर चल रहा है, मौका देख कर हम भी अपना कुछ चेपने की फ़िराक में थे, ये झुमरू कथा आपको पसंद आई तो ठीक है वरना बेझिझक बोल देना, अपन क्रमशः पर इरेजर चला देंगे सिम्पल 😊)

©अरुण

🎪🎪🎪🎪 तिरुशनार्थी ♠️♠️♠️♠️

एक बार एग्जाम के लिए तिरुपति गया था। घरवाले बोले जा ही रहे हो तो लगे हाथ बालाजी से भी मिल आना। मुझे भी लगा कि विचार बुरा नहीं है। रास्ते म...