👦👦👦👦👦 फिल्मी चक्कर ♠♠♠♠♠ .


वन्स देयर वाज क्यूट सा मैं, वन डे माँ बोली कि जाओ बहन का एग्जाम फॉर्म सबमिट कर के आओ,बड़ी खुशी खुशी तैयार हो गया, गर्ल्स कॉलेज में जाने का बहाना जो मिल गया, कॉलेज गंगानगर में था, बस पकड़ी और पहुँच गए, गेट पर देखा बड़े बड़े अक्षरों वाला साइन बोर्ड लगा था

"चौधरी बल्लू राम गोदारा राजकीय कन्या महाविद्यालय श्रीगंगानगर"

हम्म तो यही है कॉलेज ? खुद से पूछा 'क्या ख्याल है भीतर चलें' जवाब मिला 'नेकी और पूछ पूछ', तो यूँ की भीतर दाखिल भी हो लिए , पर पहले ही कदम से घिग्गी बंध गई हमरी, एक साथ इत्ती सारी छोरिया 😍😍😍😍😍 टीवी के अलावा पहली बार देख रहे थे, साक्षात आमने सामने, मन किया कि छू के देखूं कहीं असली है भी के नहीं, पर थप्पड़ खाने का भी मन नहीं था सो चुपचाप चल पड़े अंदर की ओर, अचानक एक करंट फ्राइड मिश्री जैसी आवाज़ कानो में पड़ी,

 'ओ हेल्लो, हाँ ! किधर चल दिए, मुँह उठा के'

नजर इधर उधर घुमाई , दिमाग फटाफट केलकुलेशन में जुटा था कि इन ढेर सारे खूबसूरत चेहरों में मेरे वाला, आई मीन वो आवाज़ से मैचिंग फेस कौनसा है? तभी फिर से आकाशवाणी हुई, दिल पर बिजली सी गिराती आवाज़ फिर से गूंज उठी, 'लगता है दिखता भी कम ही है तुमको', अब की बार आंखों ने टारगेट तलाशने में कोई भूल नहीं की, लेकिन टारगेट ने पहली ही नजर में मुझे टारगेट बना लिया।

बैकग्राउंड म्यूजिक स्टार्ट, "नजरें मिली.... दिल धड़का मेरी....धड़कन में समा.... किस मी... आजा"।

पर अचानक से म्युझिक स्टॉप हो गया जब वो गुस्से से बोली.

 "ओ हेल्लो, लड़की नहीं देखी क्या कभी,और कहाँ घुसे जा रहे हो मुँह उठा के, पता नहीं गर्ल्स कॉलेज है ?"

मन तो किया कि उसके हर क्वेश्चन का जवाब डिटेल में दूँ, कि" हे मृग नयनी, हे रम्भे , हे उन सभी अप्सराओं के, प्यारे से कॉकटेल, जिनका नाम भी मैं नहीं जानता, लड़कियाँ देखी हैं खूब देखी है पर तुम तो तुम ही हो", म्यूजिक फिर से स्टार्ट, " तुमसा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं हैं, क्या चीज हो तुम खुद तुम्हे मालूम नहीं है, टिडिंग टिडिंग तड़ाड़ा टिन टीडीडिंग" दोबारा से टिडिंग टिडिंग बजने से पहले ही वो बोल पड़ी," अरे इसे तो सुनाई भी कम देता है शायद हाहाहा" एक साथ कई छोरियों के हँसने का सम्मिलित स्वर, हमारी अघोषित तन्द्रा टूटी, मेरे वाली के चेहरे से नजर हटी, तो देखा वो किसी व्हीकल स्टैंड जैसी जगह पर एक स्कूटी जैसे दिखने वाले दोपहिया वाहन के स्टैंड की ताकत आजमाने के लिए उस पर चढ़ी बैठी थी, मैंने पहली बार उसे अब गौर से देखा, उसका एक पैर स्कूटी पर तो दूसरा जमीं पर था ,'उफ्फ ये कदम जमीं पे न रखो, मैले हो जाएंगे', बोलने का मन किया पर देखा छोरी ने जूते पहन रखे थे विदाउट जुराब, हाए रे फैशन, गुलाबी रंग की कैप्री और काले रंग की टी शर्ट, जिस पर सामने की और बड़ी सी दो आँखे बनी थी, पता नही गुस्से से या प्यार से मेरी और देख भी रही थी,

 बहुत रोका पर म्यूजिक फिर से स्लो स्लो बजने लगा,"काले लिबास में बदन, गोरा यूँ लगे ईमान से,जैसे हीरा निकल रहा हो, कोयले की खान से",

म्यूजिक अपने आप बन्द हो गया जब देखा छोरी अब भी मुझ पर हँस ही रही थी, नजर इधर उधर घुमाई तो देखा उसके पास खड़ी कन्याएँ भी सौंदर्य की प्रतिमूर्ति बनी अपने अलौकिक हास्य से स्वयं की रूपाभा को द्विगुणित करते हुए मुझ पर दामिनी गिराने का अवसर नहीं चूक रही थी। अचानक मुझे बुद्धत्व प्राप्त हुआ, आइला अबे ये तो बेज्जती हो रेली रे बावा, सोचा पहली बार किसी कन्या से बतियाने का अवसर है, कुछ स्टाइल मार के बात करते हैं पर न जाने क्या हुआ कमबख्त आवाज़ ही नहीं निकली 😢, जैसे गले की पाइप आपस मे चिपक गई हो, बोलने के नाम पर बस थूक निगलना भर हो पाया।

सामने स्कूटी पर बैठी कम लटकी षोडसी फट पड़ी, "अबे बोलते हो कि पकड़ के बाहर निकाल दे कॉलेज से?"

 साथी अप्सराएँ उसके द्वारा की जा रही मेरी इस वाक धुलाई से पुनः बहुत प्रफुल्लित जान पड़ी। पर इस बार हमने भी हिम्मत की खूब जोर से सांस भीतर खींचा और ज़ोर लगा कर बोलने की चेष्टा की, पर भर्राए गले से " मममममममममम" ही निःसृत हुआ, सब अप्सराएँ हंसी से दोहरी हुई जा रही थी, ढेर सारी बेज्जती का दुःख झेलते हुए फिर से कोशिश की और फाइनली कह दिया," ममममैडम एड एड एडमिन ब ब ब ब्लॉक का रा रा रास्ता किधर ह ह है, फ़ फ़ फ़ फॉर्म जज्ज्मा कराना है।"

 हाहाहाहा ठहाके के साथ उसने मेरी एक और कमी पर से भी पर्दा उठा दिया,"लो, कल्लो बात, ये तो हकले भी हैं"।

ढेरो ठहाकों की बिजलियाँ एक साथ मुझ पर गिरी, अब तो यूँ की हद ही हो गई, ऐसे भी कोई बेज्जती खराब करता है भला, रोने जैसी शक्ल हो गई मेरी, आँसू उछल के गिरने ही वाला था कि मुग्धा नायिका को तरस आ गया, अपनी सखियों को झिड़क के बोली,"अरे चुप चुप, देखो बेचारा रोने वाला है।" कन्याओं ने एक साथ गर्दनें झुका कर मेरी आँखों मे झाँका, फिर मुँह बंद कर हंसी रोकने का यत्न कर खीखी करती हुई इधर उधर हो गई, मेरे वाली बोली, "हाँ तो जानेमन, किस फार्म की बात कर रहे थे तुम?"

जानेमन सुनते ही धीमे पड़ चुका म्यूजिक फिर से लाउड बजने लगा,
'जानेमन, जानेमन, तेरे दो नयन, ले के गए,
चोरी चोरी देखो हमारा मन, जानेमन , जानेमन , जानेमन।'

"ओ हेल्लो , कहाँ गुम हो जाते हो बार बार, आदत है मेरी, जानेमन"

'एग्जाम फ़ फॉर्म है, बहन का, यही जमा करवाना है'

 जानेमन सुन के काफी जोश आ गया था, पहले से काफी सही सुर में बोला अपुन ने।

"आजा जानेमन, चल मैं ले के चलती हूँ तुमको"

वो आगे आगे, मैं पीछे पीछे, मानो फेरों की रिहर्सल चल रही हो, ट्रैक चेंज गाना शुरू

"तारे हैं बाराती, चांदनी है ये बारात,
सातों फेरे, होंगे, अब हाथो में ले के हाथ,
सातों फेरे, होंगे, अब हाथो में ले के हाथ,
जीवन साथी हम, दिया और बाती हम"

अचानक वो घूमी , गाने को ब्रेक लग गया, बोली,"जानेमन ये लाइन देख रहे हो (ना जी मैं तो लाइन मार रहा हूँ चुपचाप), इधर ही जमा होगा फॉर्म, अच्छा मैं चलती हूँ, अरे हाँ....... अच्छा सुनो...... अच्छे बच्चे रोते नहीं हैं, इसलिए अब रोना नहीं ओके" 😊😊😊

वो पलट कर जाने लगी, सोचा कि कहूँ,
'रुक जा ओ जाने वाली रुक जा, मैं तो राही तेरी मंजिल का,
नजरों में तेरी मैं बुरा सही, आदमी बुरा नहीं मैं दिल का।'

वो बिना रुके चलती रही, मैं मन ही मन उसे पुकारता रहा, मत जाओ, ऐसे अकेला छोड़ के, अच्छा कम से कम नाम, पता फोन नम्बर कुछ तो बता के जाओ, सुनो ना, हद है, सुनो न प्लीज। वो चली जा रही थी, अचानक मेरे दिल का शाहरुख जाग गया, ना जाने क्यों पर ये विश्वास हो गया कि अगर ये तुमसे प्यार करती है तो पलट के जरूर देखेगी। वो सीधे चलती जा रही थी, मैं मन ही मन पलट मन्त्र का लगातार उच्चारण कर रहा था, अरे वा ये देखो वो सचमुच रुकी, जैसे कुछ याद आया हो, हाँ हाँ पीछे पीछे देखो मैंने ही तुम्हे पुकारा है, उसने अपनी साइड पॉकेट से फोन निकाला कोई नम्बर डायल किया फोन कान पर लगाया और मुड़ गई, ओये पीछे नहीं रे, अपने रस्ते पे ही, कोई मोड़ आया था न। मन किया जोर से चीखूं, ऐसे थोड़े न होता है, सारी स्टोरी का सत्यानाश हो गया ये तो, सैड सांग बनता है इस सिचुएशन में तो, इसलिए शुरू, " दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यों मानूं, उसको हक है वो मुझे प्यार करे या न करे"😢

अपनी रोंदू शक्ल ले कर उधर रवाना हो लिए जिधर उसने कहा था कि लाइन लगी है, पन आइला, इत्ती बड़ी लाइन, यहाँ तो 3-4 हफ़्ते भी नम्बर नहीं आएगा, खुद से कहा मैंने, जवाब मिला, कोई और इलाज है तेरे पास ? नहीं न , तो चुपचाप लाइन में लग जा के, पता नहीं कहाँ से आ जाते हैं मुँह उठा के, हुंह। मुँह उठा के तो उसका डायलॉग है यार, सेम गाना फिर से "दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यों मानूं, उसको हक है वो मुझे प्यार करे या न करे"😢

लाइन में जा कर खड़ा हुआ, तो एक सलवार कमीज वाली सांवली सलोनी भली सी लड़की बोली , आप लाइन में मत लगो, सीधे खिड़की में फॉर्म जमा कर दो।
'अरे वा, अभी समझा, इधर तो मेको रिजर्वेशन है, अल्पसंख्यक हूँ ना, एक इकलौता अबला नर, सबल कन्याओं की लाइन में दब कर, कुचल कर , पिस कर मर नहीं जाएगा? वैरी गुड वेरी गुड, सीधे खिड़की पर जा के फॉर्म पकड़ाया, भीतर से लेडी क्लर्क ने कजरारे कजरारे अपने कारे कारे नैना से पलक भर देखा, फिर ठप्पा लगा के चालान की मेरी प्रति बाहर खिसका दी। 'हो भी गया ?' उसने मुस्कुरा हाँ कहा।

वाह भई वाह, 'नारी तुम केवल श्रद्धा हो, विश्वास रजत नग पग तल में, पीयूष स्रोत सी बहा करो, जीवन के सुंदर समतल में ।'

लाइन के पास से गुजरते हुए देखा वो सांवली सलोनी अब भी खड़ी थी लाइन में, उसके पास जा के उसका फॉर्म लिया, खिड़की पर दिया, रसीद ले कर उसे दी, सारा काम ओनली 5 मिनट में, लगा अब वो आई लव यू नहीं तो कम से कम थैंक्यू जरूर बोलेगी। रसीद ले कर वो मुस्कुराई, आंखों में चमक आ गई, फिर पलट कर चुपचाप पतली गली से खिसक गई। नामुराद अहसानफरामोश छोरी, जा तेरी सेटिंग मेरे जैसे किसी पागल से ही हो।😉

वापसी में आते वक्त व्हीकल स्टैंड की तरफ देखा, स्कूटी थी पर उस पर बैठने वाली वो गायब थी। हम्म मालूम है, दिल मेरा तोड़ दिया उसने, बुरा क्यों मानूं, उसको हक है वो मुझे प्यार करे या न करे"😢 गाना बजाते हम वापस घर आ गए

#ज्यश्रीकृष्ण

©अरुण

Rajpurohit-arun.blogspot.com

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