😜😜😜😜😜 लव 2 बी फट्टू ♠️♠️♠️♠️♠️

 एक दोस्त हैं, बड़े दिलेर टाइप, बोले तो हर काम को मर्दानगी से करने वाले। बोलने से लेकर चलने तक सबमें माचो लुक कम्पलसरी है और ये वो कैसे घुसेडते हैं ये कोई उनसे ही सीखे। हम लोग कॉलेज में थे, एक दिन हमारे रूम पर पधारे तो देखा हेयर स्टाइल चेंज कर रखा पठ्ठे ने, पूछा तो बोले, 'अबे तुम न समझोगे, लड़कियाँ मरती हैं ये सब स्टाइल पर'। हम अवाक होकर सुनते रहे, उनकी कुछ ज्ञात अज्ञात कहानियों पर वृह्द चर्चा, उनके डेयरिंगनेस के किस्से, खुद की उन्हीं की जुबानी। चेहरे पर हल्की चोट के निशान देखकर पूछा तो बोले अरे वो झगड़ा हो गया था किसी गैंग से, वो 7 थे हम अकेले, लेकिन एक एक को तबियत से कूट के आए हैं, पर 7 लोगों से एक साथ भिड़ोगे तो एक आध खरोंच खुद को भी लग ही जाया करती है। ये कह कर गर्व से मेरी और देखा। मैं खिसिया कर किताब में मुँह छुपाने लगा। फिर जब वो चले गए तो मेरा दोस्त बोला, 'फेंकता है साला। पता है श्याम बता रहा था कि उसके अकॉउंट से केंटीन में रोज कुछ न कुछ खा जाता था ये बिना बताए, पूछा तो अकड़ने लगा, श्याम ने घसीट घसीट के पीटा है। मैं बस मुस्कुरा भर दिया। शायद कुछ कहने को था भी नहीं।

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कॉलेज में राजनीति की क्लास चल रही थी, हम सबसे पीछे बैठे थे। माचो बाबू सपना का सपना रोज देखते थे इसलिए उस दिन उसी के पास वाली सीट पर हकीकत में जा बैठे। शायद कुछ कहने की कोशिश भी हो रही थी, सपना ने हिकारत भरी नजरों से उन्हें देखा फिर वापस क्लास में कॉन्सन्ट्रेट करने लगी। अचानक माचो बाबू ने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया। सपना उठी, हाथ को 270° पीछे घुमाया और प्रकाश की गति से वापस छोड़ दिया। एक जोरदार आवाज़ ने बाकी क्लास का भी ध्यान आकर्षित किया, किसी ने कुछ न पूछा। माचो बाबू के चेहरे पर छपी पतली पतली धारदार उंगलियों की लालिमा सब हलफन बयान कर रही थी। बाद में ये भी सुना कि प्रिंसिपल के सामने छोरी ने तब माफ किया जब इसने 51 बार नाक से जमीन पर सॉरी लिख कर माफी न मांग ली। शाम को जब रूम आए तो बोले अरे यार गिर गए थे नाक पर घसीट लगी है ये भी बोले कि लड़कियों को सच्चे प्यार की कद्र नहीं होती, इसलिए अब वो भी सपना से प्यार नहीं करते। जा बेवफा जा तुझे प्यार नहीं करना टाइप। फिर मेरी और देख कर मुस्कुराए बोले साले फट्टू किताबों में घुसे रह जाओगे कुछ न होना तुमसे।

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एक दिन हम सब मेला देखने जा रहे थे सुखाड़िया सर्किल, जाने किधर से माचो बाबू भी आकर साथ हो लिए। मैंने श्याम से धीरे से कहा ये खुद भी पिटेगा और हमें भी पिटवाएगा। कान बहुत तेज़ थे कमबख्त के, सुन लिया शायद, बोला अबे डर मत छिलके, मेरे होते कोई हाथ नहीं लगा सकता तुमको। मैं मन ही मन बोला कि साले यूँ तो कोई न लगाएगा तेरी वजह से ठोक दे तो बात अलग है। उसने फिर से मेरी और घूर के देखा।

मुझे उस गोल झूले से बहुत डर लगता है जो ऊपर से नीचे गोल गोल घूमता है। खासकर तब जब वो नीचे से ऊपर आने लगता है, उस वक़्त जो हिलोर आती है तो सच्ची कलेजा बैठ जाता है। माचो बोले कि झूलेंगे हम बोले नहीं झूलेंगे, पर इस हाँ ना के बीच वो श्याम को लेकर झूले पर सवार हो गए। झूले पर लड़कियाँ भी सवार थी। झूला चलने से पहले ही लाइन मारना शुरू कर दिया, मानो झूले नहीं फेरे लेने जा रहे उनके साथ, और अब जब उतरेंगे तो बस घर बसा कर ही उतरेंगे। हर चक्कर के साथ माचो जोर जोर से चिल्लाते हुर्रर हुर्रर , पहले तो लगा वो एक्साइटेड होकर चिल्ला रहे, पर थोड़ी ही देर में उनका हुर्रर अबे साले रोक में बदल गया। झूला तेज़ गति पकड़ चुका था। अचानक रोकना शायद सम्भव भी नहीं था। जब किसी ने उनकी आवाज़ न सुनी तो रोने लगे। लड़कियाँ हँस रही थी, मैं भी। पर थोड़ी ही देर में लड़कियाँ हंसना छोड़ माचो की साइड लेकर झूला रोकने को चिल्लाने लगी। ना ना, वो डरी नहीं, दरअसल माचो साहब डर के मारे लीक हो गए थे और उनका लीकेज लड़कियों पर छींटों की शक्ल में गिर रहा था। जब झूला रुका तो हांफते हुए माचो दोनों गालों को छुपाने के यत्न कर रहे थे जिस में लड़कियों ने बदतमीज बोल कर फिर से रंग भर दिए थे। मुझे देखा तो बोला पता नहीं किस साले ने पानी गिरा दिया, सब कपड़े भीग गए।

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कॉलेज के साथ ही माचो का भी साथ छूट गया। कभी कभी सोचता भी कि अपनी कमजोरी से उबरने की कोशिश करना तो ठीक है पर कमज़ोरी को छुपाने का उस तरह दिखावा कितना जरूरी होता होगा? खैर आज मार्किट गया था, तो फिर से माचो मैन मिल गए, उनकी भैंस के पीछे सब्ज़ी का थैला उठाए चल रहे थे। मैंने आवाज़ दी तो मेरी और देखा पर फिर बिना कुछ कहे आगे बढ़ गए।

#जयश्रीकृष्ण

✍️ अरुण

Rajpurohit-arun.blogspot.com

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