प्रातः 6 बज रहे हैं, उजबक अपनी दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर आकाश में अनन्त, असीम लालिमा को निहार रहे हैं। चेहरे पर सदैव के समान तेज़ है पर आज यूँ भावशून्यता देखना मुझे अच्छा नहीं लगा। कल ही विमी के पैसों से गुरुकुल के विद्यार्थियों ने गुलछर्रे उड़ाए थे, लगा कि कहीं इस भावशून्यता के पीछे जो कारण है कहीं उसकी जड़ें कल रात से ही तो नहीं जुड़ी हैं। मुँह में नीम का दातुन खोंसे मैं उजबक के पास चला आया, और कहा ,'क्या भाई आज बेचारे सूर्य देव को उदय होने दोगे या नहीं। कब से घूरे जा रहे हो, बेचारे डर कर निकल ही न रहे। 😜 ऐसा जुल्म मत करो प्यारे, इस अरुण का बदला उस अरुण से लोगे?'
उजबक मेरी ओर स्मित नेत्रों से देख मुस्कुराते हुए बोले, 'ऐसा नहीं है मित्र, आप से मैं तो क्या गुरुकुल का कोई भी सदस्य रुष्ट हो ही नहीं सकता। वस्तुतः हमारे चिंतन का विषय वो नहीं है। कल आप सब जब आनन्दित हो रहे थे तो मैं बहुत उहापोह में था। मुझे स्वयं भी ये भान हुआ कि आप जो कह रहे हैं, उसे सिरे से नकारा नहीं जा सकता। मैं युवा हूँ, एक युवा के रूप में किसी संगिनी की कामना करना कोई चारित्रिक दोष नहीं, वरन अलंकरण ही कहा जाना चाहिए। भगवान भास्कर जब उदित होते हैं तो उनके साथ उनकी भार्या, ये अनुपम अरुणिमा उनकी कांति को द्विगुणित कर सृष्टि को उनके आगमन की सूचना देती है, क्या कोई चंद्र की कल्पना उनकी शीतल किरणों के बिना भी कर सकता है? आप सही हैं, प्रेम कोई बंधन नहीं, वह तो आह्लाद की विषयवस्तु है। मुझे भी किसी से प्रेम करना है, ऐसा प्रेम जैसा मीन जल से करती है, जिस संयोजन में पृथकता के लिए कोई स्थान न हो, आपने कल चमेली का जो पत्र मुझे हस्तांतरित किया, यद्यपि उसके कुछ अंशों को समझ पाने में मैं स्वयं को अक्षम पाता हूँ तथापि मुझे पूर्ण विश्वास है कि यदि आपने उसे मेरी ओर से हाँ कह ही दिया है तो अवश्य ही वे ही मेरी सहधर्मिणी बनने योग्य हैं। मैं इसे विधाता के विधान के रूप में स्वीकार कर अत्यंत हर्षित अनुभव कर रहा हूँ।'
मैं उजबक के भाषण, आई मीन उदबोधन को ध्यान लगा कर सुनने की कोशिश कर रहा था, कुछ समझ में आया कुछ नहीं, सुनकर दांत फिर से दातुन से खुरचना चालू करते हुए मैंने कहा,' भाई तुम हिंदी में बात किया करो न प्लीज, अच्छा सुनो न वो तुम्हारे वाली मिलने को बोली है तो कब मिलने जाओगे ? और हाँ ये न समझना कि तुमको १००० रुपल्ली का फ़टका लगा दिया। देखो यार, पार्टी जरूरी थी तो कर दी, वैसे हमको ये भी पता है कि तुम्हारे पास पैसे नहीं है। चिंता नको रे, तुम्हारी सब बीमारियों का इलाज अरुण मलहम तुम्हारे पास खड़ा है। पैसे का इंतज़ाम हमने कर लिया है, बस एक शर्त है हमको भी साथ ले जाना पड़ेगा। '
'देखिए हमें तो कोई आपत्ति नहीं मित्र, पर क्या यह उचित होगा ? मेरा अभिप्राय है कि आपकी उपस्थिति कहीं हम दोनों को असहज तो न कर देगी? कल्पनाओं की बात ओर है बन्धु किंतु यथार्थ में हमें इस संदर्भ में कोई अनुभव प्राप्त नहीं है, शेष आप ज्यादा जानते हैं, जैसा कहेंगे वैसा ही करेंगे।' उजबक बोले।
उजबक का मुझ पर अटूट विश्वास देख कर मैं फूल कर कुप्पा हुआ जा रहा था, इसलिए चौड़ियाते हुए खम शुरू किया, 'देखो मुन्ना, अब जब तुमने सब मुझ पर ही छोड़ दिया है तो टेंशन फ्री हो जाओ, कोई दिक्कत न होगी। सब पिलान रेडी है।' उजबक के कंधे पर हाथ रख कर बेतकल्लुफी से कहना जारी रखा ,'लड़की लड़के से मिलने जा रही, वो भी पहली बार, अकेली तो जाने से रही, कोई न कोई उसके साथ भी आएगी। उस कबाब की हड्डी को चबाने आई मीन हैंडल करने के लिए भी मेरा आपके साथ चलना बहुत जरूरी है। 😉😜 '
'वाह' सहसा उजबक के मुँह से निकला, फिर बोले 'आपकी दृष्टि बहुत व्यापक और दूरगामी है मित्र। आप निःसन्देह मेरे सर्वोत्तम मित्रों में से भी सर्वश्रेष्ठ कहे जाने योग्य हैं। पर धन की व्यवस्था कहाँ से हुई? क्योंकि जहाँ तक मुझे ज्ञात है आपके पास भी कोई संचित निधि होना असंभव है।'
मैं हंसा और कहा, 'टेंशन नको रे, बोला तो। जानते हो न, मारवाड़ी कभी रिक्स नहीं लेते। अच्छा ठीक है, ये देखो हमारा जुगाड़। ' कह कर मैंने एक कार्ड उजबक के हाथ में रख दिया। कार्ड देखते ही उजबक के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी, बोले 'पर ये तो सरदार का क्रेडिट कार्ड है, आपने चोरी की ? मुझे आपसे ऐसी आशा न थी मित्र, नजरों से गिर गए आप...'
'ओ हेलो, कोई चोरी बोरी नहीं करी मैंने, कल रात को सरदार खेत गन्दा करने गया था पॉटी करके, कार्ड वहीं छूट गया। जब वापस आया तो ढूंढा उसने, नहीं मिला। पर वो तो बेफिक्र हो गया, बोला हमको घण्टा फर्क नहीं पड़ता। हमने मोमबत्ती जला के पौना घण्टा खर्च किया तो कार्ड पाए हैं। हमारे मेहनत की कमाई है समझे। उ सरदार का कोनो हक नहीं इस पर, मांगे भी मुक्का मार देंगे हम। उ देखो वहाँ गेहूँ की बोरियों पर नींद में पड़े पड़े न जाने किसे सोच कर चुम्मियां उड़ा रहा अश्लील आदमी।' मैंने थोड़े आक्रोश से कहा।
'हम्म आप सही हो, आप गलत हो ही नहीं सकते, मुझे आप पर गर्व है मित्र' कहकर उजबक पुनः पूर्व दिशा निहारने लगे, उदित होते सूर्य की किरणें उनके भाल पर पड़ने लगी थी, मैं साफ देख पा रहा था कि इस साधु पुरुष के जीवन में निकट भविष्य में अवश्य कुछ क्रांतिकारी घटित होने वाला है।
To be continued.....
#गुरुकुल_पार्ट2
#जयश्रीकृष्ण
✍️ अरुण
Rajpurohit-arun.blogspot.com
उजबक मेरी ओर स्मित नेत्रों से देख मुस्कुराते हुए बोले, 'ऐसा नहीं है मित्र, आप से मैं तो क्या गुरुकुल का कोई भी सदस्य रुष्ट हो ही नहीं सकता। वस्तुतः हमारे चिंतन का विषय वो नहीं है। कल आप सब जब आनन्दित हो रहे थे तो मैं बहुत उहापोह में था। मुझे स्वयं भी ये भान हुआ कि आप जो कह रहे हैं, उसे सिरे से नकारा नहीं जा सकता। मैं युवा हूँ, एक युवा के रूप में किसी संगिनी की कामना करना कोई चारित्रिक दोष नहीं, वरन अलंकरण ही कहा जाना चाहिए। भगवान भास्कर जब उदित होते हैं तो उनके साथ उनकी भार्या, ये अनुपम अरुणिमा उनकी कांति को द्विगुणित कर सृष्टि को उनके आगमन की सूचना देती है, क्या कोई चंद्र की कल्पना उनकी शीतल किरणों के बिना भी कर सकता है? आप सही हैं, प्रेम कोई बंधन नहीं, वह तो आह्लाद की विषयवस्तु है। मुझे भी किसी से प्रेम करना है, ऐसा प्रेम जैसा मीन जल से करती है, जिस संयोजन में पृथकता के लिए कोई स्थान न हो, आपने कल चमेली का जो पत्र मुझे हस्तांतरित किया, यद्यपि उसके कुछ अंशों को समझ पाने में मैं स्वयं को अक्षम पाता हूँ तथापि मुझे पूर्ण विश्वास है कि यदि आपने उसे मेरी ओर से हाँ कह ही दिया है तो अवश्य ही वे ही मेरी सहधर्मिणी बनने योग्य हैं। मैं इसे विधाता के विधान के रूप में स्वीकार कर अत्यंत हर्षित अनुभव कर रहा हूँ।'
मैं उजबक के भाषण, आई मीन उदबोधन को ध्यान लगा कर सुनने की कोशिश कर रहा था, कुछ समझ में आया कुछ नहीं, सुनकर दांत फिर से दातुन से खुरचना चालू करते हुए मैंने कहा,' भाई तुम हिंदी में बात किया करो न प्लीज, अच्छा सुनो न वो तुम्हारे वाली मिलने को बोली है तो कब मिलने जाओगे ? और हाँ ये न समझना कि तुमको १००० रुपल्ली का फ़टका लगा दिया। देखो यार, पार्टी जरूरी थी तो कर दी, वैसे हमको ये भी पता है कि तुम्हारे पास पैसे नहीं है। चिंता नको रे, तुम्हारी सब बीमारियों का इलाज अरुण मलहम तुम्हारे पास खड़ा है। पैसे का इंतज़ाम हमने कर लिया है, बस एक शर्त है हमको भी साथ ले जाना पड़ेगा। '
'देखिए हमें तो कोई आपत्ति नहीं मित्र, पर क्या यह उचित होगा ? मेरा अभिप्राय है कि आपकी उपस्थिति कहीं हम दोनों को असहज तो न कर देगी? कल्पनाओं की बात ओर है बन्धु किंतु यथार्थ में हमें इस संदर्भ में कोई अनुभव प्राप्त नहीं है, शेष आप ज्यादा जानते हैं, जैसा कहेंगे वैसा ही करेंगे।' उजबक बोले।
उजबक का मुझ पर अटूट विश्वास देख कर मैं फूल कर कुप्पा हुआ जा रहा था, इसलिए चौड़ियाते हुए खम शुरू किया, 'देखो मुन्ना, अब जब तुमने सब मुझ पर ही छोड़ दिया है तो टेंशन फ्री हो जाओ, कोई दिक्कत न होगी। सब पिलान रेडी है।' उजबक के कंधे पर हाथ रख कर बेतकल्लुफी से कहना जारी रखा ,'लड़की लड़के से मिलने जा रही, वो भी पहली बार, अकेली तो जाने से रही, कोई न कोई उसके साथ भी आएगी। उस कबाब की हड्डी को चबाने आई मीन हैंडल करने के लिए भी मेरा आपके साथ चलना बहुत जरूरी है। 😉😜 '
'वाह' सहसा उजबक के मुँह से निकला, फिर बोले 'आपकी दृष्टि बहुत व्यापक और दूरगामी है मित्र। आप निःसन्देह मेरे सर्वोत्तम मित्रों में से भी सर्वश्रेष्ठ कहे जाने योग्य हैं। पर धन की व्यवस्था कहाँ से हुई? क्योंकि जहाँ तक मुझे ज्ञात है आपके पास भी कोई संचित निधि होना असंभव है।'
मैं हंसा और कहा, 'टेंशन नको रे, बोला तो। जानते हो न, मारवाड़ी कभी रिक्स नहीं लेते। अच्छा ठीक है, ये देखो हमारा जुगाड़। ' कह कर मैंने एक कार्ड उजबक के हाथ में रख दिया। कार्ड देखते ही उजबक के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी, बोले 'पर ये तो सरदार का क्रेडिट कार्ड है, आपने चोरी की ? मुझे आपसे ऐसी आशा न थी मित्र, नजरों से गिर गए आप...'
'ओ हेलो, कोई चोरी बोरी नहीं करी मैंने, कल रात को सरदार खेत गन्दा करने गया था पॉटी करके, कार्ड वहीं छूट गया। जब वापस आया तो ढूंढा उसने, नहीं मिला। पर वो तो बेफिक्र हो गया, बोला हमको घण्टा फर्क नहीं पड़ता। हमने मोमबत्ती जला के पौना घण्टा खर्च किया तो कार्ड पाए हैं। हमारे मेहनत की कमाई है समझे। उ सरदार का कोनो हक नहीं इस पर, मांगे भी मुक्का मार देंगे हम। उ देखो वहाँ गेहूँ की बोरियों पर नींद में पड़े पड़े न जाने किसे सोच कर चुम्मियां उड़ा रहा अश्लील आदमी।' मैंने थोड़े आक्रोश से कहा।
'हम्म आप सही हो, आप गलत हो ही नहीं सकते, मुझे आप पर गर्व है मित्र' कहकर उजबक पुनः पूर्व दिशा निहारने लगे, उदित होते सूर्य की किरणें उनके भाल पर पड़ने लगी थी, मैं साफ देख पा रहा था कि इस साधु पुरुष के जीवन में निकट भविष्य में अवश्य कुछ क्रांतिकारी घटित होने वाला है।
To be continued.....
#गुरुकुल_पार्ट2
#जयश्रीकृष्ण
✍️ अरुण
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